इंदौर । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिये इंदौर (Indore) पहुंचे. उनके वहां से जाते ही मंच से उनका विरोध किया गया. इस दौरान यहां उनके खिलाफ नारे भी लगाए गए. दरअसल इंदौर के खालसा स्टेडियम में गुरु नानक जयंती के अवसर पर पहुंचे एक कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी (Manpreet Singh Kanpuri) ने मंच से कमलनाथ का विरोध किया.
इंदौर कभी नहीं आने की बात कही
कानपुरी ने मंच से यह तक कह डाला कि मैं प्रण लेता हूं कि आज के बाद कभी इंदौर नहीं आऊंगा. उन्होंने 84 के सिख दंगों में कमलनाथ की कथित भूमिका होने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें कार्यक्रम में क्यों बुलाया गया. उन्होंने आगे कहा कि ‘मुझे ये बात नहीं समझ आ रही कि आप किस सिद्धांत की बात कर रहे हैं, ये क्या राजनीति है’. इस बीच लोग सत श्री अकाल के जयकारे लगाने लगे तो उन्होंने इस पर भी गुस्सा जताते हुए कहा कि अपने जयकारे रहने दो.
इसके बाद उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला. उन्होंने कहा कि तुम लोगों के अंदर जमीर ही नहीं है. हमारी कौम मरी हुई है और याद रख लो कि दुबारा भुगतोगे, तुम लोगों को बात ही समझ नहीं आती है.
कीर्तनकार ने समाज के सचिव को भी लगाई फटकार
इसी के साथ उन्होंने कीर्तन करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि मैं आज कीर्तन नहीं करूंगा और अब अपने जीवन में कभी दुबारा इंदौर भी नहीं आऊंगा. उन्होंने कहा कि मैं वचन लेकर जा रहा हूं कि अब कभी इंदौर नहीं आऊंगा. इस बीच कुछ-कुछ कांग्रेसियों ने बीच-बचाव का प्रयास किया लेकिन वो असफल रहे.
बता दें कि सिख समाज में प्रकाशोत्सव के दौरान मंच पर कीर्तन करने के बाद जमकर श्री गुरूसिंघ सभा का विरोध किया गया. कीर्तनकार ने समाज के सचिव जसबीर सिंह गांधी को जमकर फटकार लगाई. मनप्रीत सिंह कानपूरी का कहना था कि पदाधिकारियों द्वारा कीर्तन के दौरान राजनीति करना गलत है. साथ ही उन्होंने कमेटी को गलत बताया और कहा कि आप लोग सिख समाज के नहीं हो, जो गुरु साहिब के समक्ष खुलेआम राजनीति कर रहे हो.
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