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Israel: नेतन्याहू की सत्ता में वापसी, लेकिन आसान नहीं होगा सरकार चलाना, जानें वजह

November 09, 2022

यरूशलेम। पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के नेतृत्व में दक्षिणपंथी धार्मिक दलों का गठबंधन 1 नवंबर को हुए इजराइली चुनावों (Israeli election winners) में विजेता के रूप में उभरा। दक्षिणपंथी गुट ने संसद की 120 में से 64 सीटों पर कब्जा जमाते हुए इजराइल (Israel) के आम चुनावों में जोरदार जीत हासिल की है। इसके साथ ही देश के सबसे लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू की कुछ अंतराल के बाद सत्ता में वापसी तय हो गई है। नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी ने संसद में 32 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान प्रधानमंत्री यायर लैपिड की येश अतीद को 24 सीटें मिलीं। कुछ ही दिनों में इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग (President Isaac Herzog) नेतन्याहू को सरकार बनाने का न्यौता देंगे।

अति-धार्मिक ताकतें बढ़ाएंगी नेतन्याहू की मुश्किलें
इस सरकार में देश की अति-धार्मिक ताकतें भी शामिल होंगी जो कई क्षेत्रों में इजराइल की समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के पास अब नेसेट (इजराइली संसद) में 32 सदस्य हैं। वहीं उनकी सहयोगी धार्मिक जायोनी पार्टी के पास 14 सांसद हैं, जो नेसेट में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नेतन्याहू ने जिन पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा वे अति-धार्मिक पार्टियां मानी जाती हैं। धार्मिक जियोनिस्ट पार्टी और उसके चरमपंथी, ओत्जमा येहुदित गुट के अलावा नेतन्याहू ने अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स शास पार्टी (11 सांसद), यूनाइटेड टोरा यहूदी धर्म पार्टी (7 सांसद) के साथ चुनाव लड़ा। इनमें से ओत्जमा येहुदित गुट का नेतृत्व इतामार बेन-गवीर कर रहे हैं। यह गुट अक्सर इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसा को उकसाता आ रहा है।


इतामार बेन-गवीर को कैसे कंट्रोल करेंगे नेतन्याहू
इतामार बेन-गवीर को नस्लवाद के लिए उकसाने, एक पुलिस अधिकारी की ड्यूटी में बाधा डालने व आतंकवादी संगठन कच मूवमेंट का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। मई 2021 में, उन पर पुलिस आयुक्त द्वारा लोद और एकर जैसे मिश्रित शहरों में यहूदियों और अरबों के बीच हिंसा की लपटों को भड़काने का आरोप लगाया गया था।

कई संगठनों और प्रगतिशील लोगों के लिए चिंता का कारण यह है कि धार्मिक जियोनिज्म पार्टी खुले तौर पर धार्मिक कानून लागू करने, वेस्ट बैंक पर इजराइल के शासन और “निष्ठाहीन” फिलिस्तीनी नागरिकों को इजराइल से निकालने को कहती है। यह पार्टी अल-अक्सा मस्जिद के विध्वंस का आह्वान करके मुसलमानों को उकसाती है। यह मस्जिद इस्लाम के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। पार्टी इस स्थान पर एक यहूदी मंदिर का निर्माण कराना चाहती है।

नए “इंतिफादा” की शुरुआत का संकेत
इस्लामवादी अरब रआम पार्टी के अध्यक्ष मंसूर अब्बास ने चेतावनी दी है कि यदि यहूदियों को साइट पर प्रार्थना करने की अनुमति दी गई, तो युद्ध शुरू हो जाएगा। ज्ञात हो कि नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि दो-राज्य समाधान का उनकी सरकार के एजेंडे में कोई स्थान नहीं है। नेतन्याहू की इस घोषणा के बाद से फिलिस्तीनियों ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी उम्मीद खो दी है और डर है कि बनने वाली सरकार अधिक आक्रामक होगी और इजराइल और अरबों के बीच तनाव बढ़ेगा। यह सब इजरायलियों के बीच हिंसक संघर्ष का एक नुस्खा तैयार हो रहा है और संभवत: एक नए “इंतिफादा” (विद्रोह) की शुरुआत को की ओर इशारा कर रहा है।

मंत्री पद के बंटवारे पर फंसेगा पेंच
यह इजराइल और खाड़ी देशों के बीच संबंधों के सामान्यीकरण और सुधार में भी बाधा डाल सकता है, जिसे अब्राहम समझौते के माध्यम से हासिल किया गया था। नेतन्याहू इजराइल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री थे। लेकिन निश्चित रूप से अन्य गठबंधन दलों के साथ मंत्री पदों के बंटवारे पर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, जहां विभिन्न दल अपनी नीतियों को लागू करने के लिए विशिष्ट विभागों की मांग करते हैं।

इतामार बेन-गवीर ने कहा कि वह आंतरिक सुरक्षा मंत्री बनना चाहते हैं। इस विभाग के जरिए बेन-गवीर इजराइली पुलिस और यरूशलेम के पवित्र स्थलों के आसपास की नीतियों का प्रभारी बनना चाहते हैं। उनके राजनीतिक साथी, बेजेल स्मोट्रिच ने कहा कि वह रक्षा मंत्रालय चाहते हैं, जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा में इजराइल की नीति की देखरेख करता है। अमेरिकी प्रशासन और अमेरिका में शक्तिशाली यहूदी समूहों के साथ संघर्ष से बचने के लिए नेतन्याहू से उन्हें अन्य मंत्री पद लेने के लिए मनाने की कोशिश की है। प्रेस रिपोर्टों के अनुसार, शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष और इजराइल के एक प्रसिद्ध समर्थक अमेरिकी सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने नेतन्याहू को संकेत दिया है कि बेन गवेर जैसे चरमपंथियों के साथ सरकार बनाने से “वाशिंगटन के साथ रिश्ते गंभीर रूप से खराब” हो सकते हैं।

अमेरिकी सांसद ने नेतन्याहू को चेताया
अमेरिकी यहूदी समिति, रिफॉर्म पार्टी और जे स्ट्रीट जैसे कई अमेरिकी यहूदी समूहों ने इजराइल के चुनाव के परिणामों और सरकार में बेन-गवीर के संभावित समावेश पर चिंता व्यक्त की है। कई यूरोपीय नेताओं ने नेतन्याहू की सत्ता में वापसी का स्वागत किया, जबकि बाइडन प्रशासन ने नेतन्याहू के साथ अपने पिछले मतभेदों के बावजूद, उन्हें उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी।

मतगणना के अंतिम परिणाम में दक्षिणपंथी रिलीजियस जियोनिज्म पार्टी ने सबको चौंकाया। रिलीजियस जियोनिज्म पार्टी इस बार 14 सीटें जीतकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अरब-बहुसंख्यक दलों हदाश-ताल और संयुक्त अरब सूची में से प्रत्येक को पांच सीटें मिलीं, लेकिन अलग हुई बालाद पार्टी नेसेट (संसद) में प्रवेश के लिए 3.25 प्रतिशत मत हासिल करने में विफल रही।

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