नई दिल्ली। कोयले की कमी (shortage of coal) से बिजली संकट (facing power crisis) का सामना दोबारा न हो, इसके लिए इसकी आपूर्ति बढ़ा दी गई है। देश में ताप बिजली संयंत्रों (thermal power plants) के पास कोयले का भंडार 31 अक्टूबर तक बढ़कर 2.56 करोड़ टन हो गया है। बिजली क्षेत्र को घरेलू कोयले की आपूर्ति पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12 फीसदी अधिक है।
कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि देश में ताप बिजली संयंत्रों के पास 31 अक्टूबर तक कोयले का भंडारण 12 फीसदी बढ़कर 2.56 करोड़ टन हो गया है। मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वर्ष 2020-21 को छोड़कर यह अक्टूबर महीने में अब तक का यह सर्वाधिक कोयला भंडार है। इसके साथ ही यह किसी भी वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में बिजली क्षेत्र को होने वाली सर्वाधिक कोयला की आपूर्ति है।
मंत्रालय के मुताबिक कोयले का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए 141 नई कोयला खानों को हाल में नीलामी के लिए रखा गया है। कोयला मंत्रालय इससे पहले नीलाम की गई कोयला खदानों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर समन्वय कर रहा है। कोयला मंत्रालय पीएम-गतिशक्ति के तहत सभी प्रमुख खानों के लिए रेल संपर्क बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है, ताकि कोयला तेजी से निकाला जा सके।
उल्लेखनीय है कि इस साल गर्मी के मौसम में कोयले की कमी के कारण कई राज्यों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कोयला मंत्रालय ने कहा था कि बिजली संकट मुख्य रूप से बिजली उत्पादन में तेज गिरावट के कारण हुआ, न कि घरेलू कोयले की अनुपलब्धता के कारण। इसके बाद से कोयला मंत्रालय बिजली क्षेत्र को कोयले की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved