मनीष सिंह ने हर मोर्चे पर छोड़ी अपनी अलग ही छाप, जनता के सेवक के रूप में जिले के मुखिया की बखूबी संभाली कमान
इंदौर, राजेश ज्वेल। 31 माह के अपने कार्यकाल में बतौर कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एक अलग ही छाप छोड़ी और गरीबों को उनका हक दिलाकर जनता के कलेक्टर (Collector) भी कहलाए। हर तरह के माफियाओं (Mafia) के खिलाफ दबंगता से कार्रवाई करते हुए अपने 31 माह के कार्यकाल में जिले के मुखिया के रूप में हर मोर्चे पर ही सफलता भी हासिल की। कोरोना से जंग लडऩे के लिए भेजे गए मनीष सिंह ने इंदौरी भूमाफियाओं (Land Mafia) के चंगुल से 600 एकड़ से अधिक तीन हजार करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीनें भी छुड़वाई और पीडि़तों को भूखंड बंटवाए। अब औद्योगिक निवेश बढ़ाने, प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) जैसे महा आयोजनों के साथ-साथ श्री सिंह को इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट (Indore-Bhopal Metro Project) समय सीमा में शुरू करवाने की नई जिम्मेदारी भी सौंपी है।
जिस वक्त कोरोना (Corona) जैसी वैश्विक महामारी ने देश में पांव पसारे और इंदौर भी इसकी चपेट में आया, तब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर की बागडोर मनीष सिंह ( Manish Singh) को कलेक्टर बनाकर सौंपी। आते ही कोरोना से जंग शुरू हुई। बंद पड़े अस्पतालों को चालू करवाने से लेकर हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं, लॉकडाउन में नागरिकों को राशन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं करवाने का प्रबंधन किया और फिर कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन-इंजेक्शन से लेकर अस्पतालों में बेड उपलब्ध करवाने की भीषण चुनौती का भी मनीष सिंह ने बखूबी मुकाबला किया। अन्यथा इंदौर में मरने वालों की संख्या कई गुना अधिक रहती। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऑपरेशन माफिया शुरू किया गया और राशन, मिलावटखोर, नशे से लेकर भूमाफियाओं के खिलाफ अनवरत अभियान शुरू किया गया। साथ ही भूमाफियाओं के चंगुल में फंसी जमीनों को छुड़वाकर गरीबों को उनके सपनों का घर दिलाया। अयोध्यापुरी, पुष्प विहार, श्रीमहालक्ष्मी नगर से लेकर संस्थाओं की तमाम कालोनियों में हजारों लोग भूखंड की राशि जमा करने के बावजूद भूखंड नहीं पा रहे थे, उन पीडि़तों को भूखंड मिल गए और वे रातों रात करोड़पति भी बन गए, क्योंकि उनके भूखंडों के दाम जमा राशि से हजारों गुना बढ़ गए। इसके साथ ही अवैध कालोनाइजेशन, डायरियों पर ही भूखंड बेच देने वालों से लेकर सरकारी जमीनों, सीलिंग से लेकर अन्य तमाम भू-घोटालों की भी सख्ती से जांच करवाई। नतीजतन 600 एकड़ से ज्यादा तो संस्थाओं और अन्य जमीनों को माफियाओं के चंगुल से छुड़वाया और 3 हजार करोड़ से अधिक की जमीनें भी मुक्त कराई। इनमें से कई जमीनों पर मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप सुराज कॉलोनी विकसित भी की जाएगी। इंदौर में वैसे तो कई कलेक्टर रहे, मगर जनता के सेवक के रूप में मनीष सिंह के कार्यों को सदैव याद किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने बुजुर्गों को उनका हक दिलाया, बच्चों को माता-पिता का कत्र्तव्य सिखाया। बेसहारा, विधवाओं की दुकानें तक किरायेदार माफियाओं से खाली कराई। मनीषसिंह ऐसे पहले कलेक्टर रहे नगर निगम से लेकर अन्य विभागों पर भी पूरी तरह से उनका कंटेल रहा। उनके मातहत अधिकारी भी उनके नाम से कांपते थे। इससे पहले निगमायुक्त के रूप में काम करते हुए मनीष सिंह ने ही इंदौर को सबसे पहले स्वच्छता में नम्बर वन बनाया। आवारा पशुओं से लेकर अन्य समस्याओं भी उन्होंने निजात दिलवाई। उन्हें स्वच्छता का पुरस्कार भी कल मिला।
आज ही कार्यभार ग्रहण कर लेंगे इंदौर के नवागत कलेक्टर
इंदौर भेजे गए नवागत कलेक्टर इलैया राजा आज ही अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लेंगे। वे जबलपुर कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहे और उनकी भी कार्यशैली साफ-सुथरी तथा कायदे-कानूनों के पालन करवाने की बताई जा रही है। वहीं मनीष सिंह ने भी एमपीएसआईडीसी के एमडी और मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी के रूप में भी आज से ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं दूसरी तरफ इंदौर नगर निगम में पदस्थ रहे अपर आयुक्त के रूप में पति-पत्नी को भी कलेक्टरी मिल गई है। ऋषभ गुप्ता देवास कलेक्टर बने, तो उनकी पत्नी भव्या मित्तल बुरहानपुर कलेक्टर बनाई गई है। जबकि स्मार्ट सिटी इंदौर की जिम्मेदारी दिव्यांक सिंह को सौंपी गई है।
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