डेस्क: हिंदू धर्म में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना के रूप में माना जाता है. ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रहण तब और भी ज्यादा अशुभ हो जाता है, जब यह 15 दिनों के भीतर दोबारा लगता है. साल 2022 का आखिरी चंद्रग्रहण देव दीपावली के अगले दिन यानि 08 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार मंगलवार को चंद्रग्रहण की दोपहर 02:38 बजे से शुरु होकर शाम को 06:18 बजे समाप्त समाप्त होगा.
यह चंद्रग्रहण भारत में चंद्रोदय के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग समय में देखा जा सकेगा. ज्योतिषविदों के अनुसार साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत की पूर्व दिशा वाले शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा, वहीं इसका सूतक काल 09 घंटे पहले से लग जाएगा. आइए चंद्र ग्रहण से जुड़े जरूरी नियम और उपाय आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं.
चंद्र ग्रहण में खाना खाने का क्या है नियम
चंद्र ग्रहण में भोजन करने को लेकर कई जरूरी नियम बताए गए हैं. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण काल में न तो भोजन बनाना और न ही खाना चाहिए, लेकिन यह नियम बीमार व्यक्तियों, बच्चों और बूढ़ों पर नहीं लागू होता है. ये सभी चाहें तो ग्रहण काल के दौरान फलाहार और दवाईयों आदि का सेवन कर सकते हैं. भोजन के लिए यह नियम चंद्रगहण वाले दिन सूतक लगते ही मान्य हो जाता है. यदि आपने अपने घर में कुछ भोजन बना रखा है तो उसे शुद्ध बनाए रखने के लिए ग्रहण लगने से पहले उसमें तुलसी की पत्तियां डाल दें. मान्यता है कि सौभाग्य और आरोग्य को बढ़ाने वाली तुलसी की पत्तियों को भोज्य पदार्थों में डाल देने से उस पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.
चंद्र ग्रहण में रखें किन बातों का ख्याल
सनातन परंपरा में चंद्र ग्रहण अशुभ मानते हुए उसे देखना अमंगल और हानिकारक माना गया है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार को ग्रहण के दौरान भूलकर भी यात्रा नहीं करनी चाहिए. इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं को भी चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरबरतनी चाहिए क्योंकि उनके कोख में पल रहे बच्चे पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है. गर्भवती महिलाओं और अन्य लोगों को ग्रहण काल में कैंची और चाकू जैसी धारदार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी सोना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण में पूजा के लिए नियम
चंद्र ग्रहण पर सूतक लगने से पहले भले ही पूजा स्थलों के कपाट को बंद कर दिया जाता हो और इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा की मूर्ति को स्पर्श करना मना हो लेकिन आप ग्रहण काल में अपने आराध्य देवी-देवता के मंत्र को जप सकते हैं. ग्रहण काल को मंत्र जप के माध्यम से मनोकामना को पूरा करने के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है.
चंद्र ग्रहण खत्म होने पर करें ये काम
चंद्रग्रहण के बाद सबसे पहले स्वयं नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ धुले हुए कपड़े पहनकर पूजा स्थल में देवी-देवताओं को गंगा जल से स्नान या फिर छिड़कर कर पवित्र करना चाहिए. देवी-देवताओं को धूप-दीप दिखाने के बाद पूरे घर में भी गंगा जल छिड़कना चाहिए.
चंद्र ग्रहण का आपकी राशि पर असर
ज्योतिष के अनुसार पृथ्वी पर जन्म लेते ही व्यक्ति पर नवग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. चंद्र ग्रहण के दौरान भी 12 राशियों इससे प्रभावित होती हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी और जाने-माने ज्योतिषी पं. दीपक मालवीय के अनुसार साल का आखिरी ग्रहण मेष, वृष, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर और मीन राशि के जीवन में परेशानियों को बढ़ाने वाला रहेगा तो वहीं मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि से जुड़े लोगों को यह शुभ फल देने वाला साबित होगा.
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