वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों में से कोई भी देश पीछे हटने के लिए राजी नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं अब रूस पहले से ज्यादा आक्रामक होता नजर आ रहा है। ऐसे में दुनिया के बड़े देशों को यह डर भी सता रहा है कि कहीं रूस परमाणु हमला न कर दे। अब इन देशों के द्वारा युद्ध को टालने की भरसक कोशिश की जा रही है।
अमेरिका रूस के साथ गुप्त बातचीत करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है ताकि इस महाविनाश को टाला जा सके। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रूस के वरिष्ठ समकक्षों के साथ गुप्त बातचीत की है। इस बातचीत में तनाव को कम करने की अपील की है। साथ ही परमाणु या सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ संदेश भी दिया है। हालांकि, शांति समझौता चर्चा का लक्ष्य नहीं था।
अमेरिका ने की रूसी नेताओं को समझाने की कोशिश
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक सुलिवन के बातचीत के दौरान रूसी नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में परमाणु हथियार को भी एक विकल्प बताया। हालांकि, रूस की मनसा को देखते हुए सुलविन सावधान हो गए और समझाने के लिए रूसी नेताओं के सामने कई तर्क रखे। सुलविन ने कहा कि हमने रूस को कड़ा संदेश दिया है और मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा है।
अमेरिका ने यूक्रेन को भी समझाया
वहीं जंग में यूक्रेन को कमजोर पड़ते देख अब अमेरिका भी नरम होता दिख रहा है। अमेरिका ने निजी तौर पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा है कि रूस से बातचीत की पेशकश को ठुकराना अब घातक साबित हो सकता है क्योंकि जंग आक्रामक मोड़ पर आ गई है। रूस परमाणु हमला से बाज नहीं आएगा।
अमेरिका के अधिकारियों ने भी माना है कि इस लंबी जंग से यूक्रेन समेत दुनिया के कई देश आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जिससे सहयोगियों के साथ ही यूक्रेन की हालत भी अब पतली होती जा रही है। इसलिए अमेरिकी अधिकारियों ने कथित तौर पर यूक्रेन की सरकार को निजी तौर पर चेतावनी दी है कि उसे रूस के साथ बातचीत के लिए खुलेपन का संकेत देने की जरूरत है।
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