विदिशा। भू.जल का हम दोहन कर रहे है किन्तु उस अनुपात में पानी जमीन के अन्दर नहीं जा रहा है जिस अनुपात में हम उसे निकालने का काम करते है। दिनोदिन जल स्तर में गिरावट आ रही है जहां पहले 15 से 20 फीट पर पानी सुगमता से मिल जाता था वह अब 40 से 60 फीट पर बमुश्किल से मिल रहा है। कलेक्टर ने खेती किसानी के कार्यो में भी आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करने का आव्हान कृषको से किया है उन्होंने कहा कि सिंचाई के संसाधनो में हम जल की मात्रा का अधिक अपव्यय ना करें इसके लिए हम सबको सिंचाई के आधुनिक सामग्री का उपयोग करते हुए पूरी नजर रखनी होगी ताकि जैसे ही जल की पूर्ति हो अपव्यय को रोका जा सकें। कलेक्टर ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि पानी की मात्रा हमें सुगमता से प्राप्त हो रही है उन्होंने अपने भ्रमण संस्मरणों को सांझा करते हुए दुबई, सिंगापुर सहित अन्य देशो में जल आपूर्ति के किए गए प्रबंधनो पर प्रकाश डाला। जिला पंचायत सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने भविष्य को देखते हुए जल प्रबंधन के कार्यो को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हम पर्यावरण के बदलते परिवेश में पानी को कैसे सहेज के रखे इसके लिए विभिन्न संरचनाओं का निर्माण हर स्तर पर कराया जाना अतिआवश्यक है।
उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, खासकर सरपंचों, से अपील की है कि आगामी पांच साल की कार्ययोजना में स्वच्छता और जल संचय के कार्य अधिक से अधिक हो। उन्होंने विभिन्न मदो के द्वारा जल संचय के लि, किए जाने वाले कार्यों पर भी गहन प्रकाश डाला है। जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट द्वारा पेयजल की समस्या के प्रमुख कारणों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के कारण भी समस्या उत्पन्न हुई है।आज पानी की एक एक बूंद को सहेजने की आवश्यकता है। ार से निकलने वाले ग्रे वाटर को भी ट्रीटमेंट कर पुन: उपयोग लायक बनाने के उपाय अपनाने जाने होंगे। अमृत सरोवर तालाबों के अधिक से अधिक निर्माण किए जाने हेतु भी बताया गया। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री ,सके साल्वे द्वारा नल जल योजनाओं के स्रोतों को सस्टेनेबल बनाने के लि, किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई। उनके द्वारा बताया गया की विदिशा जिले के 865 ग्राम ,ेेेेद्बऐसे हैं जिनमें पर्याप्त आवक क्षमता के स्रोत प्राप्त होने की समस्या है। इनमे से सबसे मुश्किल ग्रामों का चिन्हांकन कर जनप्रतिनिधियों के समक्ष चर्चा करने बाबद बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
जर्मी किलर व जीवाणु परीक्षण
रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के द्वारा शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लि, किए जाने वाले प्रबंधों की विस्तृत जानकारियां आगंतुको को सुगमता से दी जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के कार्यपालन यंत्री ,सके साल्वे ने बताया कि पानी में यदि कहीं बैक्टीरिया है तो उसका पता लगाने के लि, जीवाणु परीक्षण वेक्टो एच 2 ,स की किट दी जा रही थी साथ ही इसका उपयोग कैसे करना है के संबंध में बताया।
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