• img-fluid

    नासा लॉन्च करने जा रहा है 14 नवंबर को चंद्र मिशन, अंतिम पड़ाव की ओर चल पड़ा सबसे बड़ा रॉकेट

  • November 05, 2022

    वॉशिंगटन। नासा नवंबर माह के मध्य में अपना चंद्र मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इसी क्रम में उसका अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट उड़ान भरने के लिए अंतिम पड़ाव के लिए लॉन्च पैड की ओर चल पड़ा है। कई तकनीकी और मौसम संबंधी दिक्कतों का सामना करने के बाद आखिरकार नासा 14 नवंबर को अपने बहुप्रतीक्षित आर्टेमिस 1 चंद्रमा मिशन को लॉन्च करने के लिए आश्वस्त है।

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने बड़े और अगली पीढ़ी के रॉकेटशिप को लॉन्च करने के तीसरे प्रयास के लिए 14 नवंबर की तारीख का लक्ष्य रखा है। तूफान इयान और बिगड़ती मौसम की स्थिति की वहज से पैदा हुए खतरे को देखते हुए सुरक्षा नियमों के तहत नासा को 29 अगस्त और 3 सितंबर के अपने दो प्रक्षेपण प्रयासों को रोकना पड़ा था। इसकी वजह से पिछले महीने विशाल रॉकेट को वापस उसके हैंगर में भेजने पर मजबूर होना पड़ा था।

    आर्टेमिस 1 मिशन में विशाल स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान शामिल है। फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर (KSC) में इसे लॉन्च के लिए नासा के वाहन असेंबली बिल्डिंग (VAB) से पैड 39 बी की तरह एक बार फिर ले जाया गया है। यह प्रक्रिया शुक्रवार (4 नवंबर) को रात 9:30 बजे के करीब हुई।

    नासा ने एक बयान में लॉन्च की नई तारीख की घोषण करते हुए बताया कि अभी भी इसके लॉन्च पैड पर मानक रखरखाव किया जाना है, जिसमें इन्सुलेशन सामग्री को हुई मामूली क्षति की मरम्मत करना और रॉकेट पर लगी बैटरी को रिचार्ज करना या बदलना जैसे काम शामिल हैं। साथ ही इसके उपग्रह पेलोड और उड़ान-समाप्ति प्रणाली को लेकर काम किया जाना है।


    नासा के अधिकारियों ने पहले कहा था कि एक हाइड्रोजन ईंधन रिसाव ने लिफ्टऑफ के लिए करीब तीन घंटे का समय बर्बाद कर दिया। अंतिम उलटी गिनती की गणना फिर से करनी पड़ी। नासा ने कहा कि 14 नवंबर को आर्टेमिस I मिशन लॉन्च के लिए नई 69 मिनट की विंडो 12:07 बजे ईएसटी (0407 जीएमटी) से खोला जाना तय किया गया है। इसमें दो घंटे के बैकअप के तौर पर 16 और 19 नवंबर की तारीख दी तय की गई है।

    नासा के इस रॉकेट सिस्टम को बनाने में एसएलएस, बोइंग कंपनी और लॉकही मार्टिन कॉर्प ने मिलकर काम किया। इसे बनाने में अरबों डॉलर खर्च हुए और अब लॉन्च में हुई देरी ने इसकी लागत को और बढ़ा दिया है। आर्टेमिस I नासा के अपोलो मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के बाद एक प्रमुख मिशन है। यह चंद्रमा के लिए एक मानवरहित परीक्षण उड़ान होगी और ओरियन कैप्सूल को उसकी सतह पर उतारेगा। अपोलो मिशन के बाद यह पहला चंद्र मिशन है।

    प्राचीन ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, आर्टिमेस देवी असल में अपोलो की जुड़वां बहन थी। ये दोनों ही ग्रीक पौराणिक देवता ज्यूस की बेटियां थीं। आर्टेमिस का मकसद साल 2025 तक अंतरिक्ष योत्रियों को चांद की सतह पर ले जाना है। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा मिशन के कामयाब होने के बावजूद इस काम संभवत: और समय लग सकता है। इसके साथ ही नासा ने चांद के बाद मंगल और मानव की अंतरिक्ष में अन्य महत्वाकांक्षी यात्राओं की दूरंदेशी उम्मीद में इस मिशन से एक कमद आगे बढ़ाया है।

    Share:

    व्लादिमीर पुतिन ने की भारतीयों की जमकर तारीफ, यूरोप को लिया आड़े हाथों

    Sat Nov 5 , 2022
    मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने एकबार फिर भारत (Indian) और भारतीयों की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत में बहुत संभावनाएं हैं और यह विकास की राह में उत्कृष्ट परिणाम (excellent result) प्राप्त करेगा। इसमें किसी को संदेह नहीं करना चाहिए। आपको बता दें कि रूस के […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved