लखनऊ । उत्तर प्रदेश में (In Uttar Pradesh) खतौली से (From Khatauli) भाजपा विधायक (BJP MLA) विक्रम सैनी (Vikram Saini) की विधानसभा सदस्यता (Assembly Membership) रद्द कर दी गई (Canceled) । सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। सैनी ने निचली निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है। उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों के अंतराल में विक्रम सैनी दूसरे ऐसे विधायक हैं जिनकी सदस्यता रद कर दी गई है। इसके पहले 28 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की भी विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई थी।
साल 2013 में मुजफ्फरनगर के कवाल कांड मामले में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी सहित 12 लोगों को दोषी करार दिया गए जिसके बाद सभी दोषियों को एमपी एमएलए कोर्ट ने 2-2 साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया था। इस मामले में विक्रम सैनी सहित 28 लोगों पर मामले चल रहे थे जिन पर धारा 147, 148, 149, 307, 336, 353, 504 और 506 के तहत मुकदमें दर्ज थे।
साल 2013 में मुजफ्फर नगर दंगे दो लोगों की हत्या के बाद भड़की हिंसा की वजह से हुए थे। अगस्त 2013 में भड़के दंगे में तत्कालीन बीजेपी नेता विक्रम सैनी सहित 28 लोगों के खिलाफ थाना जानसठ में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मामले दर्ज किए थे। पुलिस ने मौजूदा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को घटना स्थल से ही गिरफ्तार किया था। वहीं 15 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कुछ दिनों के बाद हुई थी।
मुज़फ्फर नगर दंगे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 62 लोगों की जान गई थी। मुजफ्फर नगर जिले के कवाल गांव में जाट-मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा शुरू होने के साथ ये दंगे में तब्दील हो गया था। इस दंगे में स्थानीय लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। दंगे के दौरान बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए। तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने यहां कर्फ्यू लगा दिया उसके बाद यहां पर सेना की तैनाती की गई लगभग 20 दिनों के बाद यहां से कर्फ्यू हटाया गया।
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