इंदौर। फर्जी एसडीएम द्वारा कई लोगों के ठगने की खबरों के बाद कलेक्टर कार्यालय में भी काम करने की बातें सामने आ रही हैं, जिसके चलते एडीएम ने सख्ती दिखाते हुए अशासकीय कर्मचारियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी और तहसीलदार और पटवारियों के एवजियों पर भी नकेल कसने के निर्देश जारी किए।
कलेक्टर कार्यालय में तहसीलदार, पटवारियों, नायब तहसीलदारों के एवजियों ने कब्जा जमा रखा है। जाति प्रमाण पत्र से लेकर नामांतरण, बंटवारे तक के मामलों में इन एवजियों की अच्छी खासी दखलंदाजी है। कलेक्टर कार्यालय में कोई भी काम बिना किसी बिचौलिए के संभव नहीं हो रहे हैं। हाल ही में फर्जी एसडीएम के पकड़े जाने के बाद कलेक्टर कार्यालय में सख्ती का दौर चालू हो गया। एडीएम राजेश राठौर ने निर्देश जारी करते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार न्यायालयों में अनाधिकृत बाहरी व्यक्तियों से शासकीय और न्यायालयीन प्रकरणों से संबंधित काम कराने को लेकर निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति परिसर में दिखाई दिया तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। अपर कलेक्टर राठौर ने इन सभी एवजियों और बिचौलिए के दफ्तरो में प्रवेश पर रोक लगा दी है। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूछताछ की जाएगी कि वह क्यों और किसलिए आया है।
नकली एसडीएम बैठती थी विभागों में
कलेक्टर कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी एसडीएम बनकर काम कर रही नीलम पाराशर भी कलेक्टर कार्यालय में कई विभागों में बैठी नजर आई है। तहसीलदारों के बाबुओं पर धौंस जमाते हुए कई बार काम भी करवाए हैं। कियोस्क के माध्यम से पैसों का लेनदेन भी करवाया है। नाम न छापने की शर्त पर एक कियोस्क संचालक ने इस बात की पुष्टि की है।
अधिकारियों से ज्यादा एवजियों की धौंस
अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए सभी तहसीलों, एसडीएम कार्यालयों के बाहर कर्मचारियों और होमगार्ड जवानों की तैनाती कर दी है। सख्त निर्देश जारी करते हुए आज से सभी कार्यालयों के बाहर ऐसे व्यक्तियों की निशानदेही की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारी ही इन सभी के माध्यम से काम करवा रहे हैं, ताकि लोकायुक्त या किसी भी लेनदेन के प्रकरणों में सीधे उलझने से बच सकें। कलेक्टर में पदस्थ कर्मचारियो ने बताया कि अधिकारियों से ज्यादा एवजी उन पर धौंस जमाते हैं।
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