नई दिल्ली: भगोड़े विजय माल्या (fugitive vijay mallya0 को भारत लाने की प्रक्रिया लंबी खिचती जा रही है. दो साल पहले ही प्रत्यर्पण प्रक्रिया (extradition process) शुरू कर दी गई थी, लेकिन उसके बाद से ये मामला कानूनी पचड़ों (legal ramifications) में फंसा हुआ है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में भी विजय माल्या को लेकर एक मामला चल रहा है. उसकी सुनवाई भी जारी है, लेकिन अब माल्या के वकील ही उनके लिए केस लड़ना नहीं चाहते हैं. कहा गया है कि विजय माल्या का कोई अता-पता नहीं है और उनसे बात नहीं हो पा रही है, ऐसे में उनका केस नहीं लड़ा जा सकता.
असल में भारतीय स्टेट बैंक (state Bank of India) के साथ विजय माल्या के कुछ मौद्रिक विवाद चल रहे हैं. उसी मामले में एडवोकेट ईसी अग्रवाल उनके वकील की भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन हाल ही में हुई सुनवाई में ईसी अग्रवाल ने माल्या का केस लड़ने से ही मना कर दिया है. उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच को कहा है कि जितनी मुझे जानकारी है विजय माल्य अभी ब्रिटेन में हैं. लेकिन वे मुझसे कोई बात नहीं कर रहे हैं. मेरे पास सिर्फ उनका इमेल एड्रेस मौजूद है. अब क्योंकि हम उन्हें ट्रेस नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उन्हें रीप्रेसेंट करने से मुझे छुट्टी मिल जानी चाहिए.
अब कोर्ट ने में ईसी अग्रवाल की इस अपील को स्वीकार कर लिया है. कहा गया है कि वे कोर्ट रेजिस्ट्री में जा माल्या की ईमेल आइडी लिखवा दें, उनका एड्रेस भी दे दें. इस मामले में अगली सुनवाई अगले साल जनवरी में होने वाली है. वैसे इस साल के शुरुआत में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा विजय माल्या को चार महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट के आदेश ना मानने के लिए उन्हें वो सजा दी गई थी. तब सरकार को भी कहा गया था कि वे सुनिश्चित करे कि विजय माल्या भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं. लेकिन इस समय विजय माल्य ब्रिटेन में ही मौजूद हैं.
जिस केस में सुप्रीम कोर्ट में माल्या को लेकर सुनवाई चल रही है, ये साल 2017 का है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल पहले 9 मई 2017 को विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी. दरअसल, विजय माल्या ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा उन बैंकों और संबंधित प्राधिकरणों को नहीं दिया था, जिनसे उसने करोड़ों अरबों का कर्ज लिया था.
अब उस मामले में क्योंकि माल्या कभी पेश नहीं हुए, ऐसे में उन पर कोर्ट की अवमानना का भी आरोप लगा. उसी वजह से विजय माल्या को 4 महीने की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट ने माल्या पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा की बात भी कही गई थी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved