इन्दौर। हाल ही में इंदौर में तेलुगू फिल्म ‘दसारा’ के सीक्वेंस शूट और तमिल फिल्म ‘महल’ की शूटिंग के बाद अब इंदौर और प्रदेश की लोकेशंस साउथ इंडस्ट्री की नजरों में आ रही हैं। हैदराबाद में चल रहे दो दिनी ‘इंडीवुड फिल्म मार्केट’ में प्रदेश के टूरिज्म बोर्ड के अधिकारी भी पहुंचे हैं, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले एक साल में प्रदेश के साथ ही इंदौर और आसपास की लोकेशंस पर साउथ की 8 से 10 फिल्में शूट हो सकती हैं। कल सम्मेलन की शुरुआत मप्र के काउंटर से ही की गई।
हैदराबाद में चल रहे ‘इंडीवुड फिल्म मार्केट’ में तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ इंडस्ट्री के साथ ही वहां के कई इंस्टिट्यूट में फिल्म से जुड़े कामों को सीख रहे स्टूडेंट और वीएफएक्स के कामों को कर रही टीमें भी शामिल हो रही हैं। यहां साउथ इंडस्ट्री से जुड़े निर्माता-निर्देशकों ने प्रदेश की लोकेशन के साथ ही यहां शूट हुई फिल्मों की जानकारी ली। पिछले कुछ दिनों में हुई चर्चा और दो दिन के इस सम्मेलन के बाद आसार हैं कि आने वाले एक साल में साउथ की विभिन्न भाषा की 8 से 10 फिल्मों की शूटिंग प्रदेश की विभिन्न लोकेशंस पर हो सकती है।
पैनल डिस्कशन में सब्सिडी को लेकर सवाल
मप्र टूरिज्म बोर्ड के फिल्म टूरिज्म के डिप्टी डायरेक्टर उमाकांत चौधरी ने कल पहले दिन पैनल डिस्कशन में भाग लिया। पैनल डिस्कशन के बाद सबसे ज्यादा सवाल प्रदेश की फिल्म पॉलिसी को लेकर उठे। कई को पॉलिसी के बारे में जानकारी नहीं थी। वहां के निर्माता-निर्देशकों ने कम बजट की फिल्म शूट करने को लेकर सब्सिडी पर सवाल किए। चौधरी ने जानकारी दी कि साउथ इंडस्ट्री के लिए प्रदेश की फिल्म पॉलिसी में भी स्पेशल सब्सिडी रखी गई है। साथ ही किसी भी इंडस्ट्री की फिल्म शूट के लिए कोई मिनिमम बजट तय नहीं किया गया है। छोटे बजट की फिल्मों को भी प्रदेश में नियमों के मुताबिक सब्सिडी दी जा रही है। आज सम्मेलन में एक बार फिर विस्तार से प्रदेश की फिल्म पॉलिसी और लोकेशंस पर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूरे साउथ में मप्र टूरिज्म का रोड शो भी प्रस्तावित है, जिसे लेकर काम किया जा रहा है।
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