नई दिल्ली: सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं को अब दोनों गैस के प्राइस कम होने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि गैस की कीमतों का फॉर्मूला रिव्यू करने के लिए सरकार द्वारा गठित की गई किरीट पारेख कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपने के लिए सरकार से और समय मांग लिया है.
गौरतलब है कि इस कमेटी को पहले 31 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. इस कमेटी का गठन सरकार ने यह जानने के लिए किया था कि आम उपभोक्ताओं के लिए सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) का उचित दाम क्या होना चाहिए.
7-8 दिनों का और समय चाहिए
CNBC-TV18 के सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स की तरफ से पैनल को कई फीडबैक मिल रहे हैं. आम जनता और इंडस्ट्री को प्रभावित करने वाले इस जटिल मुद्दे पर विचार करने के लिए 7-8 दिन और वक्त लग सकता है.
जानकारी के अनुसार, यह पैनल गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के उपायों की सिफारिश कर सकता है. नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र ने CNBC-TV18 को बताया, “हम कृषि और घरेलू खपत के लिए किफायती दरों पर गैस उपलब्ध कराने के मुख्य उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं.” पैनल को सीएनजी की कम कीमतों के लिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से सबमिशन पर फैलना लेना अभी बाकी है.
रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद पैनल सरकार को एक संयुक्त रिपोर्ट सौंप सकता है. हाल ही में, प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके कारण सीएनजी और पीएनजी की लागत में वृद्धि हुई है.
साल में 2 बार तय होती हैं कीमतें
सरकार हर 6 महीने में (1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को) प्राकृतिक गैस की कीमत तय करती है. गैस की कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष देशों की गैस की कीमतों को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती हैं.
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