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मोरबी पुल हादसे का CCTV फुटेज आया सामने, पलक झपकते ही नदी में समा गए लोग

October 31, 2022

अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने की दुर्घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इसमें देखा जा सकता है कि ब्रिज पर लोग आराम से खड़े हैं. चूंकि यह स्विंगिंग ब्रिज था, जो झूले की तरह अनुभव देता था, इसलिए कुछ लोग इसे हिला भी रहे हैं. तभी ​ब्रिज के तार टूट जाते हैं और पलक झपकते ही पुल पर खड़े लोग नीचे बह रही मच्छु नदी में गिर जाते हैं. इस सीसीटीवी फुटेज में कुछ लोगों को तैरकर नदी से बाहर निकलने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है.

आपको बता दें कि इस हादसे में 134 मौतें हो चुकी हैं और दो दर्जन से अधिक घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. यह ब्रिज मरम्मत के लिए 7 महीने बंद रहने के बाद 26 अक्टूबर को ही पब्लिक के लिए ओपन हुआ था और 4 दिन बाद इतना बड़ा हादसा हो गया. दुर्घटना के बाद ब्रिज की मरम्मत और रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

मोरबी पुलिस ने कंपनी के 9 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. इनमें 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कॉन्ट्रैक्टर शामिल हैं. गुजरात ATS, राज्य खूफिया विभाग और मोरबी पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी के बाद इन्हें पकड़ा है. सभी 9 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 114, 308 के तहत मामले दर्ज हुए हैं. फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है, शाम तक इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. इस ऐतिहासिक पुल की मरम्मत और रखरखाव का टेंडर हाल ही में ओरेवा नाम की कंपनी को मिला था.


टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को मरम्मत के बाद अगले 15 सालों तक इस पुल का रखरखाव करना था. मोरबी पुल हादसे की जांच के लिए गुजरात सरकार ने 5 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है. इस पांच सदस्यीय दल में आर एंड बी के सचिव संदीप वसावा, आईएएस राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस सुभाष त्रिवेदी, चीफ इंजीनियर के.एम पटेल के साथ डॉ. गोपाल टांक को रखा गया है. यह विशेष जांच टीम हादसे के कारणों का पता लगाएगी. मोरबी के इतिहास में 43 साल बाद यह दूसरी बड़ा हादसा है. इससे पहले 1979 में, 11 अगस्त को मच्छु नदी पर बना डैम टूटने की वजह से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

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