इंदौर। पूरे प्रदेश में इंदौर आज शिक्षा की नई पहल का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के 69 सीएम राइज स्कूलों का भूमिपूजन आज मालवा की धरती से कर शिक्षा के साथ ही संस्कृति… सम्मान… आत्मअभिमान का ज्ञान संजोने की शुरुआत की। यह स्कूल शिक्षा के ठेकेदार बने निजी स्कूलों के लिए तो चुनौती होंगे ही, वहीं महंगे स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों से साधनहीन और गरीब परिवार के बच्चों को मुकाबिल बनाने का माध्यम भी बनेंगे। इन स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी उन्नत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। पहली से बारहवीं कक्षा तक के इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा तो होगी ही, वहीं मुफ्त शिक्षा के साथ बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की फ्री सुविधा भी रहेगी। दोपहर में बच्चों को मिड-डे मिल भी मिलेगा। साथ ही खेलकूद की सुविधा के साथ ही डिबेट काम्पीटिशन के लिए आडिटोरियम भी रहेंगे। इन स्कूलों में एजुकेशन को 8 थीम पर पढ़ाया जा रहा है, जिसमें बालपन की थाह भी होगी, वहीं संस्कृति से सरोकार रखने वाली शिक्षा के तहत पर्यावरण, शारीरिक सौष्ठव के लिए खेलकूद, और संस्कृति की शिक्षा के लिए माता-पिता का आदर भी सिखाया जाएगा।
शिक्षकों का तबादला नहीं होगा
इन स्कूलों में जहां सीबीएसई की पढ़ाई होगी, वहीं शिक्षकों का तबादला नहीं होगा, ताकि वे तल्लीनता से बच्चों का भविष्य बनाने की लंबी योजनाओं को साकार कर सकें।
चुनाव में ड्यूटी नहीं लगेगी…मुख्यमंत्री के नियंत्रण में
इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी नहीं लगेगी और स्कूलों का निर्माण और शिक्षा दोनों मुख्यमंत्री के नियंत्रण में रहेंगे।
शहर में ६ तो पांच ग्रामीण क्षेत्रों में, भूमिपूजन होते ही पांच स्कूलों का काम कल से शुरू…
इंदौर में सीएम राइज स्कूल की योजना के तहत शहरी सीमा में 6 तो ग्रामीण क्षेत्रों में 5 स्कूल बनाए जाएंगे। इनमें से शहरी क्षेत्र के 5 स्कूलों के टेंडर हो चुके हैं। सरकार के अद्र्धशासकीय विभाग, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा इन स्कूलों को बनाया जाएगा और भूमिपूजन होते ही इन स्कूलों का काम शुरू हो जाएगा। काम पूर्णता की समयावधि दो वर्ष रखी गई है। सीएम राइज योजना के तहत पूरे प्रदेश में बनने वाले 69 स्कूलों की लागत 2519 करोड़ रुपए रखी गई है।
दो कैटेगरी में बनेंगे स्कूल…
4 मॉडर्न स्कूल में डेढ़-डेढ़ हजार तो सेवन स्टार केटेगरी के मल्हाराश्रम में 6 हजार बच्चे
सीएम राईज के तहत इंदौर में बनने वाले स्कूल दो कैटेगरी में बनाए जाएंगे। पहली केटेगरी मॉडर्न स्कूल की होगी, जिसके तहत 5 स्कूल बनाए जाएंगे। इन स्कूलों में डेढ़-डेढ़ हजार बच्चों के एडमिशन होंगे, वहीं एक सेवन स्टार स्कूल केटेगिरी के तहत मल्हाराश्रम स्कूल को बनाया जाएगा, जिसमें 6 हजार बच्चे पढ़ेंगे। मल्हाराश्रम में पहले से ही होस्टल की सुविधा भी जारी है।5वीं और 9वीं क्लास के बच्चें के एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट होंगे इंदौर के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेन्द्र जैन ने बताया कि सीएम राइज स्कूलों को उन्नत बनाए जाने की योजना के तहत आगे आने वाले समय में 5वीं एवं 9वीं क्लास के बच्चों के एडमिशन के लिए एंट्रेंस एक्जामिनेशन भी ली जा सकती है, जिसके तहत बच्चों की क्षमताओं को परखकर उन्हें और निखारा जा सकेगा। इसके साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए भी तैयार किया जाएगा।
छोटी क्लास में 25 बच्चे तो बड़ी में 40 की संख्या सीमित रखी जाएगी
सीएम राइज स्कूलों की शिक्षा का स्तर उच्च बनाए रखने के लिए कक्षाओं में बच्चों की भीड़ नहीं रखी जाएगी। समन्वयक जैन ने बताया कि केजी से लेकर दूसरी-तीसरी क्लास में बच्चों की संख्या 25 तक सीमित रखी जाएगी, वहीं बड़ी क्लास के बच्चों की भी संख्या 40 तक होगी, ताकि शिक्षक एक-एक बच्चे का पूरी तरह से ख्याल रख सकें। कक्षाओं में शिक्षकों की उपस्थिति न केवल अनिवार्य होगी, बल्कि उन पर यह भी जिम्मेदारी होगी कि बच्चों के उत्तीर्ण होने का जिम्मा लें।
सीएम राइज स्कूलों का पूरा खर्च सरकार उठाएगी
शिक्षा के अधिकार से आगे बढक़र सरकार ने सरकारी स्कूलों में भी उन्नत शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूलों की शुरुआत की है। इन स्कूलों का पूरा खर्च न केवल सरकार उठाएगी, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी न हो और शिक्षा का स्तर भी उन्नत बना रहे।
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