नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (South West Monsoon) के जाने के बाद भी देशभर में बारिश (Rain) ने विराम नहीं लिया. बादल मैदानी से लेकर पहाड़ी इलाकों में भी खूब बरसे और इतने बरसे की अक्टूबर में पिछले दस साल का रिकॉर्ड तोड़ गए. आंकड़ों पर नज़र मारी जाए तो अक्टूबर महीने की शुरुआत से अब तक हुई बारिश मासिक बारिश से 60 फीसदी तक ज्यादा है. पिछले दस सालों में अक्टूबर महीने में बदरा इतने नहीं बरसे, जितने साल 2022 के अक्बूबर में गरजे-बरसे हैं.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आधिकारिक अंत के बाद भी पूरे भारत में बारिश ने विराम नहीं लिया है. वास्तव में, पहले दस दिनों में देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से उत्तरी भागों में बहुत भारी बारिश हुई थी. हालांकि अब बारिश की गतिविधियां काफी हद तक कम हो गई हैं.
एजेंसी का कहना है कि फिर भी बारिश सरप्लस बनी हुई है, जिसमें 1 से 26 अक्टूबर के बीच, मासिक बारिश 60 प्रतिशत अधिक है. देश में 68.3 मिमी के मुकाबले 109.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है. आज की स्थिति में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक वर्षा वाला महीना अक्टूबर है. पिछली बार देश में इतनी भारी बारिश साल 2019 में हुई थी, जहां सरप्लस 45 फीसदी था.
एजेंसी वैज्ञानिकों के अनुसार, हम अक्टूबर के बाकी दिनों में कुछ भी महत्वपूर्ण होने की उम्मीद नहीं करते हैं. अधिकांश बारिश दक्षिणी भागों में होगी और पूर्वोत्तर मॉनसून महीने के अंत तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा. मध्यम बारिश की संभावना केवल 31 अक्टूबर के आसपास है.
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