रामपुर: भड़काऊ भाषण मामले में दोषी पाए गए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है. सजा सुनाए जाने के साथ ही अब उनकी विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को तीन साल की जेल के साथ 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने धारा 125, 505 व 153ए के तहत दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई है.आजम खान के वकील विनोद यादव ने कोर्ट की सुनवाई के बाद बताया कि आजम खान को अपील दायर करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. साथ ही 25 हजार के निजी मुचलके पर कोर्ट से जमानत भी मिल गई है.
मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने और वकीलों की बहस खत्म हो जाने के बाद आजम खान दोषी करार दिए गए थे और उनकी सजा के लिए आज यानी 27 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी. इस मामले को लेकरपहले से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि अगर आजम खान को इस मामले में दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई तो उनको विधायकी से भी हाथ धोना पड़ सकता है. अब जब उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है ऐसे में उनकी विधायकी का जाना तय माना जा रहा है.
दरअसल, यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. जानकारी के मुताबिक, आजम खान ने रामपुर की मिलकर विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी. इस भाषण को लेकर रामपुर के मिलक थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी.
साल 2019 में रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने तत्कालीन डीएम, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. उस समय इस बात की शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पुलिस में की थी.
किस कानून के तहत रद्द होगी विधायकी?
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर किसी भी विधायक या सांसद को किसी भी मामाले में दो वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी विधायकी या सांसदी रद्द हो जाती है. दरअसल, साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. इस फैसले के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को निरस्त कर दिया गया था.
धारा 125, 505 व 153ए के तहत पाए गए दोषी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आजम खान के खिलाफ 93 केस वर्तमान में चल रहे हैं. भड़काऊ भाषण प्रकरण में आजम खान को धारा 125, 505 व 153ए के तहत दोषी ठहराया गया है जिसमें अधिकतम तीन वर्ष की जेल हो सकती है, इसके साथ जुर्माने का भी प्रावधान है. ऐसे में आशंका है कि आजम को तीन साल की जेल हो सकती है.
आजम खान ने अपने भाषण के दौरान एक वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट देने की अपील की. आजम के इस बयान के बाद अवलोकन टीम के प्रभारी रहे अनिल कुमार चौहान ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया था. आजम पर आरोप लगे थे कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और वहां के डीएम को लेकर गलतबयानी की थी. उन पर धमकी देने और दंगा भड़काने का भी आरोप लगा था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved