विदिशा। जिले के गंजबासौदा तहसील के ट्रांसफार्मर जलने के कारण तहसील मुख्यालय के एक दर्जन से अधिक गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं। इंन गांव में दीपावली का त्योहार भी अंधेरे में ही मनाया गया। जबकि प्रदेश सरकार की मंशा रही है कि जहां विद्युत व्यवस्था नहीं है वहां उजाला किया जाए, लेकिन बिजली कंपनी की लापरवाही के चलते रोशनी के पर्व दीपावली को एक दर्जन से अधिक ग्रामों में अंधेरा छाया रहा। ग्रामों में खराब पड़े ट्रांसफार्मर बदले नहीं गये।
कृषक ने बताया कि निवोदिया, अंबानगर, अरनोट, मूढऱा सहित कई ग्राम ऐसे हैं जहां बिजली के ट्रांसफार्मर खराब हैं, जिन्हें बदला नहीं गया है। इन ग्रामों में अंधेरे में ग्रामीणों को दिवाली मनाने मजबूर होना पड़ा है। कृषक ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से जब भी ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत लेकर जाते हैं तो उनका कहना रहता है कि ग्रामीणों का बिल बकाया है, जिसके चलते ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि नियम अनुसार ट्रांसफार्मर बदलना पड़ेगा, जिसका बिल बकाया है उसका कनेक्शन काटा जा सकता है। लेकिन जिनके बिजली के बिल जमा हैं ,उन्हें बिजली सप्लाई देना होगी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन का बिजली बिल बकाया है उनके कनेक्शन नहीं काटे गए। लेकिन बकाया बिल की राशि की आड़ लेकर खराब पड़े ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे। जिससे वह उपभोक्ता भी परेशान हैं जो प्रतिमाह विद्युत वितरण कंपनी का बिल तो जमा कर रहे हैं लेकिन उन्हे उस बिल की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि ट्रांसफार्मर खराब होने से उन्हें भी बिजली नहीं मिल पा रही है।
ग्रामीणों में भड़का आक्रोश
विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय में ट्रांसफार्मरों का ढेर लगा हुआ है यह खराब ट्रांसफार्मर रखने की जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बिल जमा करने के बाद भी जिन गांवों में डीपी नहीं बदली गई है वहां के ग्रामीणों का आक्रोश भड़क रहा है। विद्युत वितरण कंपनी के ग्रामीण एई दीपक मिश्रा का कहना है कि नियम के अनुसार दस प्रतिशत बिल जिन ग्रामों के जमा है वहां का ट्रांसफार्मर बदला जा रहा है। जबकि विद्युत उपभोक्ताओं का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं ने बिल जमा किए हैं फिर उन्हें भी विद्युत सप्लाई से वंचित क्यों रखा जा रहा है।
त्योहार भी अंधेरे में निकला
ट्रांसफार्मर खराब होने से इन गांवों में दीपावली जैसा त्योहार भी अंधेरे में निकला। जहां एक तरफ पूरा शहर रोशनी से सराबोर था वहीं दूसरी तरफ इस गांव में लोग दीये की रोशनी से ही अपने घर आंगन को रोशन करने में लगे हुए थे। ग्रामीणों ने बताया कि दीपावली त्योहार को लेकर तैयारी की थी लेकिन बिजली नहीं होने से पूरे गांव के लोग मायूस रहे, दीपावली की खुशियां भी ठीक से नहीं मना सके।
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