नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना के कहर को देखते हुए अब भारत सरकार ने अभी से अगली संभावित महामारी की तैयारी शुरू कर दी है. एनटीएजीआई के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत ने पहले से ही ‘अगली महामारी’ की तैयारी शुरू कर दी है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार संभावित रोगजनकों यानी महामारी फैलाने वाले वायरस का पता लगाने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है.
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI ) के चीफ अरोड़ा ने कहा कि जहां देश पहले से ही अपने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, वहीं इसका निगरानी तंत्र भी उच्चतम क्रम का है. बता दें कि एनटीएजीआई वह शीर्ष पैनल है, जो भारत में कोरोना वायरस के टीकों के उपयोग और उससे संबंधित सभी फैसले लेता है. उन्होंने कहा कि देश में एक कार्यक्रम जल्द ही शुरू किया जाएगा, जो भारत को नए संभावित रोगजनकों की पहचान करने और उनका पता लगाने में मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि अब तक दुनिया भर में ओमिक्रॉन के 70 से अधिक सब-वैरिएंट्स का पता लगाया गया है और उनमें से ऐसा कोई सब-वैरिएंट नहीं है, जो भारत में नहीं मिला हो. अरोड़ा ने कहा कि इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि दुनिया में जितने भी ओमिक्रॉन के वैरिएंट्स मिले हैं, भारत में भी उसके केस पाए गए हैं. यही वजह है कि महामारी के मद्देनजर निगरानी तंत्र को मजबूत करना और मजबूत नीतियां बनाना समय की मांग है और हम इस पर हम काम कर रहे हैं.
ओमिक्रॉन के एक्सबीबी वैरिएंट के खतरे को लेकर उन्होंने कहा कि वैश्विस स्तर पर यह सब-वैरिएंट असमान्य रूप से कोई खास गंभीर यानी वायरलेंस (वायरस के कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता का माप) नहीं दिखा है. बता दें कि सिंगापुर में कोविड मामलों में तेजी के पीछे इसी एक्सबीबी वैरिएंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सब-वैरिएंट का ट्रांसमिशन रेट भी बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं दिख रहा है.
अरोड़ा ने कहा कि पूरी दुनिया में अभी कोविड की जांच कम हो चुकी है. इसलिए देशों के प्रमुख मानदंड मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की दर हैं. भारत में ये दोनों नियंत्रण में हैं और घबराने या चिंतित होने की कोई बात नहीं है. भारत के पास बेहतर महामारी विज्ञान के आंकड़े हैं, जहां अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है और मृत्यु भी वैश्विक आंकड़ों की तुलना में काफी कम है. इससे बचने को यही एक सलाह है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहें.
अरोड़ा ने कहा कि महामारी के प्रति भारत का सर्विलांस ड्राइव यानी निगरानी अभियान बेहद संवेदनशील है. एनटीएजीआई प्रमुख ने कहा कि सीवेज निगरानी के अलावा भारत गंभीर रूप से बीमार, अस्पताल में भर्ती मरीजों के नमूनों से वायरल आइसोलेशन भी कर रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि करोना अब भी हमारे आसपास है. अरोड़ा ने कहा कि मेरी एकमात्र सलाह है कि कोरोना के खिलाफ अनुशासन बनाए रखें और इससे बचने के लिए हाथ धोना और मास्क पहनने संबंधी नियमों का पालन करें.
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