नई दिल्ली: WhatsApp पर मैसेज भेजने की रफ्तार आज अचानक थम गई. लोग WhatsApp पर मैसेज सेंड (send message) नहीं कर पा रहे थे. यूजर्स WhatsApp पर स्टेटस भी नहीं लगा पा रहे थे. आसान भाषा में बोले तो WhatsApp काम नहीं कर रहा था. इससे करोड़ों लोग प्रभावित हुए. WhatsApp केवल भारत ही नहीं बल्कि ब्रिटेन, सिंगापुर, इटली, तुर्की, साउथ अफ्रीका और दूसरे देशों में ठप रहा.
भारत (India) में इसकी सर्विस दोपहर में लगभग डेढ़ घंटे के लिए ठप रही. सर्विस बंद होने के बाद कंपनी ने स्टेटमेंट जारी किया इसको जल्द ठीक कर लिया जाएगा. लेकिन, फिर भी यूजर्स को इसकी सर्विस यूज करने के लिए कई घंटे का इंतजार करना पड़ा. ये पहला मौका नहीं है जब वॉट्सऐप की सर्विस बंद हुई है. इससे पहले भी कई बार वॉट्सऐप ठप हुआ है. लेकिन, इस बार के ठप होने का कोई ऑफिशियल कारण अभी तक सामने नहीं आया है.
लेकिन, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं. इसमें एक वजह हैवी ट्रैफिक को भी बताया गया है. इस मैसेजिंग ऐप पर रोज अरबों वॉट्सऐप मैसेज सेंड और रिसीव किए जाते हैं. लेकिन, अभी फेस्टिव सीजन के दौरान इसकी संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई जिसको शायद सर्वर हैंडल नहीं कर पाया और क्रैश कर गया. हालांकि, दूसरी भी एक वजह एक्सपर्ट्स बताते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, साल 2021 के अक्टूबर में भी फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप कई घंटों के लिए बंद हो गया था. इसके पीछे की वजह DNS फेल्योर को बताई गई.
DNS या डोमेन नेम सिस्टम ऐसी सर्विस जो व्यक्ति के पढ़े जाने लायक होस्टनेम (जैसे आजतक डॉट इन) को न्यूमेरिक IP एड्रेस में बदलता है. अगर DNS काम नहीं करता है तो आपका डिवाइस वेबसाइट होस्ट के सर्वर से कनेक्ट नहीं हो पाता है. लेकिन, इस केस में ये दिक्कत BGP रूटिंग थी. BGP यानी बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल सिस्टम से एक नेटवर्क दूसरे नेटवर्क तक के लिए बेस्ट रूट की तलाश करता है. लेकिन, कंपनी ने उस टाइम इसको लेकर जानकारी नहीं दी थी. इस बार भी आउटेज इसी दिक्कत के कारण हो सकता है.
WhatsApp का इस्तेमाल 2 बिलियन से ज्यादा लोग करते हैं. सभी यूजर्स को दिक्कत नहीं आई. इसकी वजह से ये है कि इतनी बड़ी सर्विस के लिए डेटा को कई जगहों पर होस्ट किया जाता है. पूरी दुनियाभर के सर्वर पर अलग-अलग देश के कानून के हिसाब से डेटा स्टोर होता है. प्रोडक्ट चेंज से सभी यूजर्स प्रभावित होते हैं. लेकिन, इतने बड़े यूजर बेस के साथ एक बार में चेंज को रिलीज करना कंपनी के लिए पॉसिबल नहीं है. इस वजह से ये अलग-अलग कस्टमर्स के लिए फेज्ड मैनेर में अपडेट जारी करती है. इससे पूरा बेस प्रभावित नहीं होता है. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कंपनी किसी अपडेट को इंस्टॉल कर रही थी. जिसका असर कई यूजर्स पर देखने को मिला.
आपको बता दें इस तरह का बड़ा आउटेज पिछले साल अक्टूबर में हुआ था. मेटा के सभी ऐप्स इससे प्रभावित हुए थे. इसको लेकर माना जा रहा था कि कंपनी पर साइबर अटैक हुआ है. लेकिन, बाद में मेटा ने साफ किया इस आउटेज की वजह इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर थी. डेटा सेंटर के बीच ट्रैफिक कॉर्डिनेशन बिगड़ने से लोग फेसबुक, वॉट्सऐप का एक्सेस नहीं कर पा रहे थे. लगभग 5 घंटे के बाद इस सर्विस को रिस्टोर किया गया था.
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