अयोध्या/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दीये की रोशनी (lamp light) को सबके साथ जुड़ाव और विश्व कल्याण का प्रतीक (symbol of world welfare) बताते हुए कहा कि दीपावली के दीपक (Deepawali lamps) हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव (Grand Deepotsav in Ayodhya) का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं, आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए, लेकिन प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आज हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं। हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्सव जिनके जीवन का सहज-स्वाभाविक हिस्सा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जगत प्रकास्य प्रकासक रामू। अर्थात, भगवान राम पूरे विश्व को प्रकाश देने वाले हैं। वो पूरे विश्व के लिए एक ज्योतिपुंज की तरह हैं। ये प्रकाश कौन सा है? ये प्रकाश दया और करुणा का है। मावनता और मर्यादा का, समभाव और ममभाव का और सबको साथ लेकर चलने का है।
उन्होंने कहा कि मध्यकाल और आधुनिककाल तक भारत ने कितने अंधकार भरे युगों का सामना किया है। जिन झंझावातों में बड़ी-बड़ी सभ्यताओं के सूर्य अस्त हो गए, उनमें हमारे दीपक जलते रहे, प्रकाश देते रहे और फिर उन तूफानों को शांत कर उद्दीप्त हो उठे। दीप से लेकर दीपावली तक, यही भारत का दर्शन और भारत की सोच है। यही भारत की सनातन संस्कृति है। (एजेंसी, हि.स.)
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