डेस्क: जिन लोगों को फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हैं उनके लिए वायु प्रदूषण काफी हानिकारक है. इस मौसम में खास कर दिवाली के आस पास हवा में प्रदूषण ज्यादा फैलने लगता है. इस समय अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों का रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है. साथ ही वृद्ध लोगों का भी खतरा ज्यादा बढ़ने लगता है. इससे प्रदूषण के बहुत हानिकारक रिस्क देखने को मिल सकते हैं. इस वायु प्रदूषण भरे वातावरण में सांस लेना ऐसे लोगों के लिए काफी हानिकारक हो गया है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा घर पर रहना ही आपके लिए सुरक्षित है. आइए जानते हैं कौन कौन से लोगों को वायु प्रदूषण का ज्यादा रिस्क है.
वायु प्रदूषण में किस पर होता है सबसे अधिक असर
बुजुर्ग लोग : बीएल एफ के मुताबिक जो लोग ज्यादा बूढ़े हो जाते हैं उन्हें प्रदूषण काफी ज्यादा प्रभावित कर सकता है. इस मौसम में बाहर निकलने से खांसी और काफी सारे लक्षण देखने को मिल सकते हैं जो आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
फेफड़ों के रोगी : जिन लोगों को खांसी या फिर फेफड़ों से जुड़ी रेस्पिरेटरी बीमारियां हैं उन्हें भी इस मौसम में ज्यादा रिस्क है क्योंकि खांसी, सांस फूलने जैसे लक्षण आपको देखने को मिल सकते हैं जिससे आपकी तबियत बिगड़ सकती है.
अस्थमा के मरीज : अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण से सबसे ज्यादा बच कर रहना चाहिए क्योंकि इन लोगों को अस्थमा अटैक का सबसे ज्यादा रिस्क होता है और ऐसा होने पर अचानक से इनकी तबियत खराब हो सकती है.
एलर्जिक लोग : अगर आप को धूल मिट्टी आदि से एलर्जी होती है और बहुत से लक्षण महसूस होते हैं तो वायु प्रदूषण के समय घर से बाहर काफी कम ही निकलें और घर पर ही सुरक्षित रहें. इससे बहुत सारा खतरा टाला जा सकता है.
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