नई दिल्ली। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (next chief justice of India) बनेंगे तो उस समय कॉलेजियम (collegium) में जजों की संख्या मुख्य न्यायाधीश समेत पांच नहीं, बल्कि छह रखी जाएगी। यह पहली बार होगा, जब कॉलेजियम में पांच की जगह छह जज होंगे। मौजूदा वक्त में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) हैं।
पांच की जगह छह जज होने की वजह यह है कि कॉलेजियम का नेतृत्व करने वाले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ चार अधीनस्थ जजों में से एक भी ऐसा नहीं है, जो जस्टिस चंद्रचूड़ का उत्तराधिकारी होगा। इन चार जजों जस्टिस एसके कौल, केएम जोसेफ, एसए नजीर और एमआर शाह में से कोई भी देश का मुख्य न्यायाधीश नहीं बनेगा। ये सभी जज जस्टिस चंद्रचूड़ से पहले रिटायर हो जाएंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।
जजों की नियुक्ति से प्रणाली (कॉलेजियम- चयन मंडल) देने वाले 1998 के ‘तीसरे जजेज’ केस में दिए गए फैसले के कॉलेजियम में एक एक जज जरूर ऐसा होगा, जो अगला मुख्य न्यायाधीश बनेगा। इस वजह से जस्टिस चंद्रचूड़ को उनके बाद मुख्य न्यायाधीश बनने की लाइन में जस्टिस संजीव खन्ना को कॉलेजियम में रखना होगा। जिससे कॉलेजियम की संख्या छह हो जाएगी।
इन वरिष्ठतम जजों में से एक जज ऐसा होगा, जो मुख्य न्यायाधीश बनेगा, लेकिन यदि ऐसी स्थिति आती है कि चार वरिष्ठ जजों में कोई भी मुख्य न्यायाधीश नहीं बन रहा है तो उन वरिष्ठों से बाहर जाकर मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जज को कॉलेजियम में लेना होगा।
इसी वजह से जस्टिस संजीव खन्ना को कॉलेजियम में लिया जा रहा है। वह सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में 9वें नंबर पर हैं। यह स्थिति नवंबर 2024 में जाकर दुरस्त होगी, जब जस्टिस संजीव खन्ना देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे तो उन्हें यह समस्या नहीं आएगी, क्योंकि उनके साथ दूसरे नंबर पर जस्टिस बीआर गवई होंगे, जो जस्टिस खन्ना के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और कॉलेजियम की संख्या सामान्य पांच जजों की हो जाएगी।
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