चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने एक अधिनियम में संशोधन को मंजूरी देकर यह सुनिश्चित किया है कि ग्रुप सी और डी पदों पर केवल उन्हीं उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाए, जिन्हें पंजाबी भाषा का गहरा ज्ञान हो. इसका मकसद राज्य में ‘पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत’के लोकाचार को और मजबूत करना है. सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने पंजाब सिविल सेवा (सेवाओं की आम और सामान्य शर्तें) नियम-1994 और पंजाब राज्य (ग्रुप डी) सेवा नियम-1963 के नियम 17 में संशोधन को मंजूरी दे दी है.
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजाब सरकार में केवल उन्हीं उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाए, जिन्हें पंजाबी भाषा की गहन जानकारी हो. पंजाबी भाषा की परीक्षा एक अनिवार्य योग्यता परीक्षा होगी और न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने में विफल रहने पर उम्मीदवार को अंतिम मेरिट सूची में शामिल होने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. भले ही संबंधित परीक्षा के अन्य प्रश्न पत्रों में उनके अंक कुछ भी हों.
राज्य में अवैध खनन की जांच के लिए कैबिनेट ने पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स-2013 के नियम 7.5 में संशोधन करने की भी मंजूरी दी, जिससे जुर्माने का स्लैब मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया है. राज्य में वित्तीय व्यय और प्रशासनिक बोझ को कम करने की दृष्टि से मंत्रिमंडल ने पंजाब कृषि उपज मंडी अधिनियम-1961 में संशोधन करके उपाध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पदों को समाप्त करने को भी मंजूरी दी है.
पंजाब मंडी बोर्ड में वाइस चेयरमैन और सीनियर वाइस चेयरमैन के पद क्रमश: 2010 और 2016 में सृजित किए गए थे. मंत्रिमंडल ने पीएसपीसीएल के मृत कर्मचारियों के बच्चों के लिए अनुकंपा नियुक्ति की योजना को भी मंजूरी दी, जिनका निधन 16 अप्रैल, 2010 से पहले हो गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार ने जिला स्तर पर इतनी ही संख्या में मुख्यमंत्री क्षेत्राधिकारी के नए पद सृजित कर सहायक आयुक्त शिकायत के मौजूदा 23 पदों को समाप्त करने की स्वीकृति प्रदान की है.
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