मुंबई। भारी कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल का स्ट्रक्चर पूरी तरह से बदल सकता है। दरअसल, कंपनी के एडमिनिस्ट्रेटर ने इसे चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव रखा है। रिलायंस कैपिटल इस समय दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। इसके लिए शेयरों की ट्रेडिंग बीते एक महीने से बंद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल के लिए बोली प्रक्रिया पहले से ही अंतिम चरण में है। कर्ज में डूबी इस कंपनी के जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस वेंचर्स खरीदने की सूची में चार कंपनियां पिरामल, ज्यूरिख, एडवेंट प्राइवेट क्विटी और आदित्य बिड़ला कैपिटल शामिल हैं।
कंपनी के एडमिनिस्ट्रेटर ने आरबीआई को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर अपनी राय या मंजूरी मांगी है। आरबीआईटी के मौजूदा नियमों के तहत, एक कंपनी में एक से ज्यादा सीआईसी की अनुमति नहीं है। इसलिए, रिलायंस कैपिटल सीआईसी में चार सीआईसी के पुनर्निर्माण के लिए आरबीआई की हरी झंडी की जरूरत होगी।
प्रस्तावित चार सीआईसी रियालंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGIC), रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (RNLIC), आरसीएपी के अन्य कारोबार, जिनमें रिलायंस सिक्योरिटीज, एआरसी, प्राइवेट इक्विटी, इंवेस्टमेंट रियल एस्टेट, रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस आदि शामिल हैं।
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