नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस बार की दिवाली जेल में ही मनानी पड़ेगी। 100 करोड़ रुपए के जरबन वसूली के मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने उनकी जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है। देशमुख कथित भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई कर रही है।
देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से चार अक्टूबर को जमानत मिलने के बाद इस मामले में भी जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता को दो नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री थे देशमुख
देशमुख महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (MVA) सरकार में मंत्री थे। इस सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस साझेदार थे। देशमुख इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं। देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया था, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश देने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।
‘आरोप एजेंसियों की सनक पर आधारित’
कुछ दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अनिल देशमुख ने कहा है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने ‘सांठगांठ’ की और खुद को बचाने के लिए उनपर आरोप लगाए। सीबीआई की विशेष अदालत को गुरुवार को दी गई अर्जी में एनसीपी नेता ने यह भी दावा किया था कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप सिर्फ जांच एजेंसियों की ‘सनक और कल्पनाओं’ पर आधारित हैं।
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