नई दिल्ली: पीएम मोदी ने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बर उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. उनका कहना है कि देश का फोकस ‘ग्रीन ग्रोथ’ और ‘ग्रीन जॉब्स’ पर है. मोदी सरकार ने इसके लिए विभिन्न कदम भी उठाए हैं और इन कदमों को सफल बनाने में रक्षा मंत्रालय ने भी अपनी ओर से काफी प्रयास किए हैं. भारतीय सेना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी ओर से विशेष पहल की है. भारतीय सेना के बेड़े में इलेक्ट्रिकल वाहनों को बड़े स्तर पर शामिल किया जा रहा है. चरणबद्ध तरीके से आर्मी में 48 फीसदी मोटरसाइकिल इलेक्ट्रिकल करने का लक्ष्य है.
वहीं कुल बसों की संख्या का 38 फीसदी इलेक्ट्रिकल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही साथ भारतीय सेना ने चरणबद्ध तरीके से अपने 25 फीसदी हल्के वाहनों को इलेक्ट्रिकल करने की योजना बनाई है. दरअसल अर्थव्यवस्था के धारणीय विकास के साथ-साथ प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए, 2014 के बाद से देश में इलेक्ट्रिकल और प्राकृतिक गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की कवायद तेजी से शुरू की गई. इस क्रम में देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 में 900 से बढ़कर 2022 में 4500 को पार कर गई है. वहीं पीएनजी कनेक्शनों की संख्या 2014 में 24 लाख से बढ़कर 2022 में 95 लाख तक पहुंच गई है.
बीजेपी के युवा नेता जयराम विप्लव का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रत्येक नीति में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की झलक को देखा जा सकता है. चाहे वह स्वच्छ भारत मिशन हो या फिर उज्जवला योजना, वन्य जीव संरक्षण , सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आदि में हम इसकी झलक देखते हैं. जयराम विप्लव का कहना है कि इलेक्ट्रिकल वाहनों को बढ़ावा देना भी इसी के अंतर्गत आता है. जयराम विप्लव मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से पर्यावरण को लेकर के प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. आने वाले समय में भारत अपना जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय वक़्त से पहले प्राप्त कर लेगा.
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