इंदौर। प्राधिकरण द्वारा अभी जो चार टीपीएस योजनाएं अमल में लाई जा रही है उनके विकास कार्य दीपावली बाद शुरू कराए जा रहे हैं। एक योजना को हाईकोर्ट से स्टे मिला है। वहीं दो अन्य योजनाओं पर दावे-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है। अभी टीपीएस-1, जिसमें खजराना की जमीनें शामिल है वहां पर चार नवम्बर को पहला साइड ऑफिस भी खोला जा रहा है।
इन योजनाओं में शामिल मास्टर प्लान की सडक़ों, बगीचों के साथ बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कार्य शुरू किए जाएंगे। साथ ही किसानों की सहमति भी लेंगे। कल प्राधिकरण दफ्तर में ठेकेदार फर्मों, कंसल्टेंट अधिकारियों और इंजीनियरों की इस संबंध में बैठक भी हुई। शासन से मंजूरी के बाद इंदौर विकास प्राधिकरण ने नई लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत टीपीएस-1, 3, 5 और 8 पर अमल शुरू किया है।
टीपीएस-4 को हाईकोर्ट ने स्टे दे रखा है। इन पांचों योजनाओं में 1732 एकड़ जमीनें शामिल हैं, जिसमें 600 आपत्तियों की सुनवाई प्राधिकरण पूर्व में कर चुका है। टीपीएस योजनाओं में शामिल किसानों और निजी जमीन मालिकों को 50 फीसदी जमीन वापस लौटा दी जाएगी। पिछले दिनों एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और टीपीएस के साथ-साथ इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित अन्य प्रोजेक्टों में आ रही जमीनों को लेकर विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते मुख्यमंत्री ने किसानों की सहमति लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए। नतीजतन प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा का कहना है कि टीपीएस में शामिल किसानों की जमीनों को भी बिना उनकी सहमति नहीं लिया जाएगा।
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