नई दिल्ली: भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान बेनकाब हुआ है. पाकिस्तान के अधिकारियों से जब दाऊद से संबंधित सवाल पूछा गया तो वो एकदम चुप हो गया. यह वाकया नई दिल्ली में हो रही इंटरपोल महासभा की बैठक में हुआ.
भारत में 25 साल बाद इंटरपोल की बैठक का आयोजन हो रहा है. दिल्ली के प्रगति मैदान में आज (18 अक्टूबर) को यह मीटिंग हो रही है. 195 देशों के प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं. इन प्रतिनिधि मंडलों में मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं.
मीटिंग में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिनिधियों का एक समूह दिल्ली पहुंचा है. जब पाकिस्तान के प्रतिनिधियों का दल बैठक में पहुंचा तो आजतक ने उनसे भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ा सवाल पूछा गया. सवाल सुनते ही पाकिस्तान का प्रतिनिधि मंडल खामोश हो हो गया और बिना जवाब दिए ही वहां से चला गया.
बता दें कि इंटरपोल की इस बैठक को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. दिल्ली में 9वीं वार्षिक इंटरपोल आमसभा का आयोजन हो रहा है. बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उनके महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने इंटरपोल महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा,’भारत आजादी के 75 वर्ष मना रहा है और ये हमारे लोगों, संस्कृति और उपलब्धि का उत्सव है. ये समय हमें पीछे देखने का है कि हम कहां से आए और आगे देखने का है कि हम कहां तक जाएंगे. पीएम मोदी ने आगे कहा कि इंटरपोल एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है. 2023 में, यह अपने 100 साल पूरे करेगा. यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है. भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दुनिया भर में पुलिस बल न केवल लोगों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ा रहे हैं. भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है. अपनी आजादी से पहले भी, हमने दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए बलिदान दिया है. भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य के कानूनों को लागू करता है. विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है. पिछले 99 साल में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है. यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है.
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