नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत हो चुकी है। यह टूर्नामेंट का आठवां संस्करण हैं। पहले राउंड में श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमों के साथ यूएई, नीदरलैंड, आयरलैंड, नामीबिया, जिम्बाब्वे और स्कॉटलैंड अपनी दावेदारी पेश कर रही है। इनमें से चार टीमें सुपर-12 के लिए क्वालीफाई करेंगी। सुपर-12 में मेजबान ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान और बांग्लादेश पहले से है।
टी20 वर्ल्ड कप इतिहास में कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जिन्हें तोड़ना मुश्किल है। वहीं, कुछ ऐसे अनोखे रिकॉर्ड है जो एक श्राप की तरह है। जैसे- अब तक कोई मेजबान देश टूर्नामेंट नहीं जीत सका है। इसके अलावा कोई डिफेंडिंग चैंपियन अगली बार ट्रॉफी नहीं जीत सका है।
आइए ऐसे ही कुछ अनोखे रिकॉर्ड को जानते हैं…
- वेस्टइंडीज दो बार टूर्नामेंट जीतने वाली इकलौती टीम है। वह पहली बार 2012 और दूसरी बार 2016 में चैंपियन बनी थी।
- रविचंद्रन अश्विन भारत के लिए टी20 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 26 विकेट अपने नाम किए हैं। वह इस बार भी भारतीय टीम में शामिल हैं।
- अब तक कोई भी मेजबान देश टूर्नामेंट नहीं जीत सका है। अब तक दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, बांग्लादेश, भारत और यूएई/ओमान ने मेजबानी की है।
- अब तक कोई डिफेंडिंग चैंपियन ट्रॉफी नहीं बचा पाया है। भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज (दो बार) और श्रीलंका खिताब को बचाने में नाकाम रहे हैं। अब देखना है कि ऑस्ट्रेलिया जीत पाता है या नहीं।
- मौजूदा चैंपियन और मेजबान ऑस्ट्रेलिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप का पहला मैच भूलने वाला रहा था। वह जिम्बाब्वे के खिलाफ 2007 में पांच विकेट से हार गया था।
- श्रीलंका के नाम एक मैच में सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड दर्ज है। उसने 2007 में केन्या के खिलाफ छह विकेट पर 260 रन बनाए थे। 15 साल से यह रिकॉर्ड नहीं टूटा है।
- क्रिस गेल के नाम एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने 2016 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 11 छक्के लगाए थे। वह टूर्नामेंट के इतिहास में भी सबसे ज्यादा 63 छक्के लगाने वाले बल्लेबाज हैं।
- टूर्नामेंट में पहली हैट्रिक ब्रेट ली ने ली थी। उन्होंने 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी।
- टी20 वर्ल्ड कप में न्यूनतम स्कोर बनाने का शर्मनाक रिकॉर्ड नीदरलैंड के नाम है। 2014 में श्रीलंका के खिलाफ वह 39 रन पर ऑलआउट हो गया था।
- 0 वर्ल्ड कप इतिहास में अब तक एक ही मैच का निर्णय ‘बॉल आउट’ नियम से हुआ है। 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने निर्धारित 20 ओवर तक मैच बराबरी पर रहने के बाद ‘बॉल आउट’ नियम से मुकाबले को अपने नाम किया था। अगले साल ही इस नियम को समाप्त कर दिया। ‘बॉल आउट’ की जगह ‘सुपर ओवर’ ने ले ली।