जबलपुर। पूर्व बिशप पीसी सिंह के कारनामों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। अब तक की जाँच में ईओडब्ल्यू की टीम ने पाया है कि पूर्व बिशप और उसके परिजनों के अलग-अलग बैंकों में 24 खाते हैं। इनमें साढ़े 10 करोड़ रुपए जमा हैं। जिसमें 18 लाख की विदेशी करंसी भी शामिल है। यह रकम किन माध्यमों से व कैसे जुटाई गई इसका ब्यौरा भी तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही एक और बात सामने आई है कि पूर्व बिशप पीसी सिंह ने 20 लोगों का धर्म परिवर्तन भी कराया था और अपने इस कार्य को उपलब्धि बताते हुए वेबसाइट में अपलोड भी किया था। इसकी भी जाँच की जा रही है। अन्य जगहों पर निवेश की भी की जा रही पतासाजी-पूर्व बिशप द्वारा कुल चौबीस खातों में अपने और परिवार के नाम पर दो करोड़ दो लाख की एफडीआर सहित बैंक खातों में लगभग साढ़े 6 करोड़ रुपए जमा होना पाया गया है। इस तरह अभी तक कुल मिलाकर लगभग साढ़े 10 करोड़ रुपए बैंक खातों में जमा होने की बात सामने आई है। यह खुलासा होने के बाद अब ईओडब्ल्यू द्वारा पूर्व बिशप की सम्पत्ति और अन्य जगहों पर किए गए निवेश की जानकारी भी प्राप्त करने कार्रवाई शुरू की गई है।
ईओडब्ल्यू की जाँच में खुला पीसी सिंह का काला विद्या, सामने आई 20 लोगों के धर्मांतरण की बात
अपने इस्तेमाल के लिए खरीदी थीं कारें – ईओडब्ल्यू को यह जानकारी भी मिली है कि आरोपी पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वारा क्राइस्ट चर्च स्कूल की राशि से लगभग साठ लाख रुपए की एक महँगी कार और तीस लाख की आलीशान गाड़ी खुद के इस्तेमाल करने के लिए खरीदी गई थी। इतना ही नहीं जाँच में अभी तक एक करोड़ पैंसठ लाख रुपए नकद की भारतीय मुद्रा और लगभग अठारह लाख की विदेशी मुद्रा भी तलाशी के दौरान हाथ लगी है।पूर्व बिशप की सरपरस्ती में हुआ धर्म परिवर्तन जानकारों की मानें तो पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वारा सतना जिले के अमरपाटन में कुचबंधिया समाज के 20 लोगों का धर्मातरण करवाया गया था। इस दौरान उसने सबसे पहले पवित्र जल पिलाकर फिर ईसाई बनाकर सीएनआई जबलपुर डायोसिस की वेबसाइट पर इसे उपलब्धि के तौर पर अपलोड किया था।विवेचक के तबादले को लेकर गर्माया माहौल बताया गया है कि प्रभारी आरटीओ रहे संतोष पाल के बाद बिशप पीसी सिंह के कारमानों को सामने लाने वाले ईओडब्ल्यू में पदस्थ मुख्य विवेचक स्वर्ण सिंह धामी का अचानक तबादला कर दिया गया। उनके तबादले का यह आदेश गुरुवार को बिशप के पुत्र पियूष की गिरफ्तारी के बाद आया। श्रीधामी को पीएचक्यू में अटैच किया गया है। पुलिस महकमे से जुड़े लोगों ने दबी जुबान यह संकेत भी दिए कि श्रीधामी का तबादला राजनीतिक दबाव के चलते किया गया है।
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