महिदपुर। शासकीय महाविद्यालय में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ एवं अश्वनी शोध संस्थान महिदपुर के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का धम्म एवं धार्मिक स्वतंत्रता की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता अश्वनी शोध संस्थान महिदपुर के डॉ. आर.सी. ठाकुर थे। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहेब आंबेडकर एवं गौतम बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण महाविद्यालय के भूगोल विषय के प्राध्यापक एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. प्रभाकर मिश्र ने दिया। डॉ. ठाकुर ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर न्याय एवं मानवता के मसीहा थे। उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य न्यायपूर्ण तथा भेदभाव मुक्त समाज का निर्माण करना था। उन्होंने देश तथा समाज के हित को सदैव सर्वोपरि रखा। बाबासाहेब के एक महान युग दृष्टा थे।
कार्यक्रम की भूमिका को रेखांकित करते हुए डॉ. राजेश कुमार माहोर ने कहा कि बाबा साहेब ने दलित समाज के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए सराहनीय कार्य किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आशा सक्सेना ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारा भारतीय संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है और इसके निर्माता बाबा साहेब है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जाकिर उद्दीन अहिंगर ने किया और आभार डॉ. रीना अध्वर्यु ने माना। इस अवसर पर महाविद्यालयीन स्टाफ सदस्यों में आइक्यूएसी की संयोजक सुमन जैन, प्रोफेसर डॉ. पदम सिंह पटेल, डॉ.घनश्याम सिंह, डॉ. शैलेंद्र सेंगर, नानूराम मुवेल, राधा वर्मा, मोनिका बैरागी, हुमेरा खान आदि के साथ ही सभी संकायों के विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रतिवेदन लेखन डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने किया।
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