भोपाल। भोपाल आए कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि पिछले दो चुनाव हम इसलिए हारे, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व कमजोर था। 2014 और इसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 प्रतिशत वोट मिले। इस हालत में हम कब तक रहेंगे। अगर नेतृत्व सक्षम होता तो हम चुनाव हारते ही क्यों। इसका एक ही इलाज है कि हमें जनता को दिखाना होगा कि कांग्रेस पार्टी दोबारा आकर्षित पार्टी बन रही है। एआईसीसी के अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव पर शशि थरूर ने कहा, आज हम कार्यकर्ताओं से पूछ रहे हैं कि आप क्या चाहते हो? हमें जवाब देने का मौका भी मिल रहा है। पार्टी के मूल्य पार्टी के सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के बड़े फैसले लेने में कार्यकर्ताओं की राय ली जाए, ये सोच कांग्रेस पार्टी में नहीं है। ये पार्टी की बहुत बड़ी कमी है। कार्यकर्ताओं की हमेशा शिकायत रहती है कि कांग्रेस हाईकमान या नेतृत्व से कभी बात या मुलाकात नहीं हो पाती है। ऐसे में उन्हें स्टेक होल्डर्स होने का एहसास नहीं होता है।
मैं परिवर्तन का उम्मीदवार, खडग़े नेतृत्व के नेता
सांसद थरूर ने पीसीसी सभागार में कहा कि इलेक्शन कमीशन का आदेश है कि किसी भी बड़े नेता, अध्यक्ष या चीफ मिनिस्टर को किसी उम्मीदवार का खुला सपोर्ट नहीं करना है। कांग्रेस हाईकमान और इलेक्शन कमीशन को जरूरी एक्शन लेना चाहिए। थरूर ने कहा- मैं परिवर्तन का उम्मीदवार हूं और खडग़े नेतृत्व के नेता। खडग़े वैसा परिवर्तन नहीं ला सकते जैसा मैं सोचता हूं, जो कांग्रेस और देश दोनों के लिए जरूरी है। पीसीसी सभागार में थरूर ने ये बयान तब दिया, जब सीनियर लीडर में पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल और विधायक लक्ष्मण सिंह ही थे। इससे पहले वे कमलनाथ से मिले। खास बात ये है कि दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह पूरे समय शशि थरूर के साथ रहे।
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