रांची। कैश कांड (cash scandal) में फंसे कांग्रेस के तीन निलंबित विधायक (Three suspended Congress MLAs) इरफान अंसारी (Irfan Ansari), नमन विक्सल कोंगाड़ी (Naman Vixal Kongadi) और राजेश कच्छप (Rajesh Kachhap) के खिलाफ जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाएंगे। झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने शुक्रवार को तीनों विधायकों की याचिका पर सुनवाई के बाद आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा दी। हालांकि अदालत ने कोलकाता पुलिस की ओर से इस मामले में की जा रही जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने झारखंड और बंगाल सरकार को एक दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह से भी जवाब मांगा गया है। तीनों विधायकों ने अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी को कोलकाता स्थानांतरित किए जाने को चुनौती दी है। साथ ही प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया है। तीनों के खिलाफ अनूप सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमें तीनों पर सरकार गिराने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट पर भरोसा, सच जल्द आएगा सामने
झारखंड हाइकोर्ट में कांग्रेस के तीनों निलंबित विधायकों की ओर से दाखिल क्रिमिनल रिट पर अदालत में दोबारा सुनवाई हुई। इसमें हाइकोर्ट ने सीआईडी को चार्जशीट दाखिल करने पर रोक लगा दी। विधायक डॉ इरफान अंसारी ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सच जल्द सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश से यह साफ प्रतीत होता है कि विधायक कुमार जय मंगल द्वारा किया गया जीरो एफआईआर गलत है। जब ऐसी कोई बात हुई ही नहीं तो फिर उन्होंने रांची में जीरो एफआईआर कैसे कर दिया। कानूनी तौर पर यह गलत है। एक साजिश के तहत जानबूझकर हम तीनों विधायकों को फंसाया गया, जिसका पर्दाफाश बहुत जल्द हो जाएगा। हमें झारखंड की जनता और न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
विधायक ने कहा कि राजनीति बड़े मंच पर होनी चाहिए ना कि व्यक्तिगत तौर पर। 48 लाख रुपए इनकम टैक्स के अधीन आता है तो फिर जानबूझकर झारखंड में जीरो एफआईआर कर कोलकाता में पुलिस केस क्यों कराया गया? इनके गलत रवैया के कारण आज हम तीनों विधायकों को अपने क्षेत्र से दूर रखा गया है, जिसका हिसाब जनता देगी। जिस प्रकार पूरे झारखंड से भारी संख्या में लोग हम लोगों से मिलने आ रहे हैं, उससे उनका प्यार और स्नेह साफ झलकता है। भरोसा दिलाते हैं कि हम जल्द झारखंड लौटेंगे।
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