-कैट का देशभर में अपनी दीपावली-भारतीय दीपावली मनाने का आह्वान
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन (festive season) इस बार देशभर के व्यापारियों के लिए बड़े कारोबार (big business for traders) का अवसर लेकर आ रहा है। दीपावली (Diwali) पर त्योहारी खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिए करीब ढाई लाख करोड़ रुपये (2.5 lakh crore rupees) की तरलता का बाजार में आने की संभावना कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने जताई है।
कैट ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है। दरअसल, दो साल के बाद इस वर्ष दीपावली का उत्सव बिना किसी कोरोना प्रतिबंध के मनाया जाएगा, जो उपभोक्ताओं को दीपावली की खरीदारी करने के लिए देश के हर शहर में वाणिज्यिक बाजारों में आने के लिए प्रेरित कर रहा है। दीपावली का त्योहारी खरीदारी नवरात्रि के दिन से शुरू हो चुका है और तुलसी विवाह के दिन 5 नवंबर तक चलेगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार के डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी और रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने की घोषणा से बाजार में नकद प्रवाह को गति मिलेगी। खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के मुताबक दीपावली उत्सव के कारोबार में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज करने की उम्मीद है। दीपावली से संबंधित यात्राओं एवं अनु सेवाओं के उपयोग पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने की उम्मीद है।
खंडेलवाल ने कहा कि दीपावली त्योहार के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी तरह की वस्तुओं के करीब 5 करोड़ रुपये के उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दीपावली की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने कहा कि इस साल दीपावली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर है, जिससे चीन को देश के व्यापारियों एवं उपभाटों ने करीब 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका दिया है।
कारोबारियों के संगठन कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने विभिन्न राज्यों के 25 शहरों में एक सर्वेक्षण किया, जिसमें बाजारों में उपभोक्ताओं की प्रवृत्ति के सामान खरीदने में उनकी पसंद के मुख्य बिंदु थे। सर्वेक्षण में माल की खरीद पर ग्राहकों के बदलते व्यवहार से यह साफ जाहिर होता है कि भारतीय सामान की मांग ज्यादा है, जबकि उपभोक्ता कोई चीनी सामान नहीं खरीद रहे हैं। कैट देश के जिन 25 शहरों को वितरण शहर कहता है, उनमें नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू, पुणे, कानपुर, वाराणसी, रांची और भुवनेश्वर शामिल हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देशभर के व्यापारियों से इस दीपावली को “अपनी दीपावली भारतीय दीपावली” के रूप में मनाने का आह्वान किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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