नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश को बरकरार रखते हुए वॉट्सऐप और मेटा (whatsapp and meta) की याचिका खारिज कर दी है. इस याचिका में वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी (privacy policy) से जुड़े दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच (single bench) के आदेश को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने वॉट्सऐप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच के ताजा फैसले से वॉट्सऐप और फेसबुक की पेरेंट कंपनी को बड़ा झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिक खारिज करते हुए कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) एक स्वतंत्र संस्था है. जब प्रथम दृष्ट्या यह माना जाता है कि यह कंपटीशन एक्ट 2022 के उल्लंघन का मामला है और जब CCI द्वारा कार्यवाही शुरू की जाती है, तो यह नहीं कहा जा सकता कि CCI की कार्यवाही की शुरुआत अधिकार क्षेत्र के बिना है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि CCI के सामने कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए.
मेटा और वॉट्सऐप की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ प्राइवेसी पॉलिसी की वैधता से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जनवरी 2023 में होगी. उन्होंने आगे कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में नए पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को भी पेश किया जा सकता है. ऐसे में सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से CCI को अंतिम आदेश देने से रोकने का अनुरोध किया.
कपिल सिब्बल की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उनसे पूछा कि संविधान पीठ की सुनवाई CCI की स्वतंत्र वैधानिक शक्तियों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं. बता दें कि जुलाई 2021 में दुनिया के सबसे बड़े इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी पेश की थी. इसमें कंपनी ने कथित रूप से यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी के नियम व शर्तों को अनिवार्य तौर पर मानने के लिए मजबूर किया है. मार्च 2021 में CCI ने कंपटीशन एक्ट के सेक्शन 4 के उल्लंघन के बारे में प्रथम दृष्टया राय बनाने का आदेश पारित किया और मामले की जांच शुरू करने का निर्देश दिया था.
आरोप है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी के जरिए वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा अपने दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म फेसबुक के साथ वॉट्सऐप यूजर्स का डेटा शेयर करती है. इसके अलावा यह भी आरोप है कि वॉट्सऐप यूजर्स का डेटा फेसबुक के अलावा फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ भी शेयर किया जाता है. इससे पहले 2016 की प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर्स के पास ऑप्शन था कि वो वॉट्सऐप का डेटा फेसबुक के साथ शेयर करना चाहते हैं या नहीं.
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