नई दिल्ली। भारत (India) भले ही इस समय 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (5 trillion dollars Economy) बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) (International Monetary Fund (IMF)) का मानना है कि इसमें 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था माद्दा (10 trillion dollar economy) है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री (Economist) पियरे ओलिवर गोरिंचेस (Pierre Oliver Gorinches) ने भारत के डिजिटलीकरण (digitization) के प्रयासों की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि यह कदम बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला रहा है क्योंकि इससे भारत सरकार के लिए ऐसे काम करना संभव हुआ है जो अन्यथा बेहद कठिन होते।
भारत की डिजिटल पहलों का मुरीद हुआ IMF
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण बात मेरे खयाल से यह है कि इन डिजिटल पहलों से सरकार पहुंच बना पाईं और वितरण प्रणाली को लोगों तक पहुंचा सकी जो परंपरागत तरीकों से काफी मुश्किल होता।’’ गोरिंचेस ने कहा कि भारत ऐसे वक्त में एक चमकदार रोशनी की तरह उभरा है जब दुनिया मंदी के आसन्न संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि 10,000 अरब डॉलर (10 ट्रियल डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए भारत को महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार करने होंगें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस लक्ष्य को पाया जा सकता है।
विकसित देश भी इतनी तेजी से नहीं बढ़ रहे जितना की भारत- IMF
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले कई देशों को बहुत तेज दर के साथ वृद्धि करते और तेजी से विकसित होते देखा है। हां, यह कोई आसान काम नहीं है, भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावना है लेकिन अपने लक्ष्य को पाने के लिए भारत को अनेक ढांचागत सुधार करने होंगे।’’ गोरिंचेस ने कहा, ‘‘भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जब यह 6.8 या 6.1 की ठोस दर के साथ बढ़ रही है तो यह उल्लेखनीय बात है। वह भी ऐसे वक्त जब बाकी की अर्थव्यवस्थाएं, विकसित अर्थव्यवस्थाएं उस गति से नहीं बढ़ रहीं।’’
सबसे प्रेरणादायी मिसाल पेश कर रहा है भारत- IMF
भारत की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि देश जटिल मुद्दों का समाधान निकालने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिहाज से सबसे प्रेरणादायी मिसाल पेश कर रहा है और इस देश की बहुत सी बातें सीखने लायक हैं। उसने भारत की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना यानी डीबीटी और इसी प्रकार के अन्य समाज कल्याण कार्यक्रमों को ‘‘लॉजिस्टिक चमत्कार’’ बताया। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का लक्ष्य विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभ एवं सब्सिडी को पात्र लोगों के खाते में समय पर और सीधे भेजना है जिससे प्रभावशीलता, पारदर्शिता बढ़ती है तथा मध्यस्थों की भूमिका कम होती है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से डीबीटी के जरिए 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभान्वितों तक पहुंचाई गई है जिसमें से 6.3 लाख करोड़ रुपये के लाभ सिर्फ 2021-22 में ही पहुंचाए गए। 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार औसतन 90 लाख से अधिक डीबीटी भुगतान प्रतिदिन होते हैं। आईएमएफ में वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने कहा, ‘‘भारत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। दुनिया में प्रेरणादायी कई अन्य उदाहरण भी हैं, हर महाद्वीप और हर आय स्तर के उदाहरण हमारे सामने हैं। यदि हम भारत की बात करें तो यह बहुत प्रभावशाली है।’’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved