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    उधमपुर में गरजे जगुआर, राफेल और मिग, आसमान में दिखी वायुसेना की ताकत

  • October 12, 2022

    नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में मंगलवार को भारतीय वायु सेना की तरफ से एयर ऑफिसर कमांडिंग के मुख्यालय के 60वीं वर्षगांठ पर वायु सेना की ओर से अपनी तरह का पहला एयर शो आयोजित किया गया. वायु सेना का एसओसी जेकेएंडएल मुख्यालय पश्चिमी वायु कमान के अंतर्गत आता है और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में सभी नागरिक और सैन्य हवाई अभियानों की योजना बनाने के साथ उनका संचालन निष्पादन और नियंत्रण करता है. जम्मू कश्मीर में नागिरक और युद्धक अभियानों को संचालित करने की अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से यह एयर शो आयोजित किया गया.

    ऊधमपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन में राफेल और सुखोई जैसे अत्धायुनिक युद्धक विमान गरजें. सबसे पहले आकाश गंगा टीम ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया और कुछ ही क्षणों के बाद वायुसेना ने एयर एंड स्टैटिकल डिस्प्ले के तहत अपने पुराने और नए अत्याधुनिक विमानों के बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन किया. क्या युवा क्या बुजुर्ग हर किसी ने भारतीय वायुसेना की तारीफ की. भारतीय वायुसेना और भारत माता की जय के जय घोष भी यहां पर लगाए गए

    सबसे पहले पैराट्रूपर ने छलांग लगाई : एयर शो में आकाश गंगा का भी प्रदर्शन किया गया. आकाश गंगा में वायु सेना के जवानों ने पैराशूट पहन कर ऊंचाई से छलांग लगाई. इस कार्यक्रम में उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत कई प्रमुख सैन्य अधिकारी मौजूद रहें. कार्यक्रम के दौरान ही वायु सेना के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी गई.

    जगुआर फाइटर जेट : इस एयरशो में जगुआर फाइटर जेट ने भी हिस्सा लिया. जगुआर की भूमिका 1999 कारगिल वार में काफी रही थी. जगुआर घातक एयरक्राफ्ट है और ट्विन इंजन फाइटर प्लेन है. इसको स्ट्राइक अटैक एयरक्राफ्ट भी कहा जाता है. जगुआर आसानी से रफ सर्फेस और अनप्रिपेयर्ड रनवे पर लैंड कर सकता है. जगुआर लो लेवल फ्लाइंग कर सकता है जिसकी वजह से रडार में आने से बच सकता है और दुश्मन पर घातक प्रहार कर सकता है. जगुआर के पे लोड ले जाने की क्षमता 4500kg की है. जगुआर लो लेवल फ्लाइंग के कारण अनगाइडेड और लेजर गाइडेड बूम आराम से सटीक निशाने पर गिरा सकता है.


    sukhoi-30 फाइटर जेट : इस एयरशो में सुखोई 30 ने भी बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया. ये फाइटर जेट भारतीय वायुसेना में 2002 में शामिल किया गया था. अभी तक इसकी 250 से ज्यादा यूनिट बनाई जा चुकी है. सुखोई 30 38800 kg वजन के साथ टेक ऑफ कर सकता है. सुखोई 30 की मैक्सिमम स्पीड मैच 2 तक है. इसकी रेंज 3000 किलोमीटर है. सुखोई 30 किसी भी प्रकार के मौसम में उड़ान भर सकता है. 2016 में क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का जो सफल परीक्षण हुआ था वह इसी लड़ाकू विमान सुखोई 30 से हुआ था. इसकी लंबाई 22 मीटर है और ऊंचाई साढ़े 6 मीटर है. उसमें दो इंजन लगे हुए हैं. मौजूदा वक्त में यह विमान सेना के तीनों अंगों को अपनी सेवाएं दे रहा है.

    राफेल फाइटर जेट : भारतीय वायुसेना के बेड़े में हाल ही में ही शामिल हुए राफेल फाइटर जेट ने भी उधमपुर में हुए एयरशो में कमाल का प्रदर्शन किया. स्क्रैब क्रूज मिसाइल राफेल की वो ताकत है जिसके जरिए राफेल हिंदुस्तान के आसमान में उड़ते हुए दुश्मन के किसी भी ठिकाने को उड़ा सकता है. राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लग सकती हैं हवा से हवा में मार करने वाली मिटीयोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल और कम दूरी पर हमला करने के लिए हैमर मिसाइल. राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है उतना f-16 में भी नहीं है. रफेल में लगा रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एक बार में एक साथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है. राफेल को आज आसमान में उड़ते हुए हर कोई गर्व कर रहा है और इसकी ताकत पूरी दुनिया ने पहले भी देखी है.

    अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर : आसमान का सिकंदर कहे जाने वाले अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर ने भी उधमपुर में शानदार करतब दिखाए. अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर का नाम सुनते ही दुश्मन के पसीने छूट जाते हैं. अपाचे टर्बो शिफ्ट इंजन का 4 ब्लेड वाला अटैक हेलीकॉप्टर है. अपाचे आसमान में 265 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है. अपने सेंसर की मदद से यह रात में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. अपाचे की मदद से रॉकेट और मिसाइलों को कहीं पर भी ले जाया जा सकता है. यह हेलीकॉप्टर मल्टीरोल कॉम्बैट के तौर पर भी जाना जाता है. इसको उड़ाने में दो पायलट की जरूरत होती है और इसमें दो इंजन लगे होते हैं. सबसे खास बात इस अपाचे हेलीकॉप्टर खासियत हैं कि इससे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी दुश्मन पर दागी जा सकती हैं. यही वजह है कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है. इसमें 30 mm की गन लगी होती है और 70 mm का रॉकेट लगा होता है. ना सिर्फ जमीनी खतरे बल्कि हवा में भी कोई भी खतरा हो, उसको यह अटैक हेलीकॉप्टर टैकल कर सकता है. 200 से ज्यादा टारगेट को डिटेक्ट करके उनको इंगेज कर सकता है.


    mi 17 हेलीकॉप्टर : भारतीय वायुसेना के mi 17 हेलीकॉप्टर एयरशो में शामिल हुआ. ये भारतीय वायुसेना में ट्रूप्स या फायर सपोर्ट या रेस्क्यू मिशन में इस्तेमाल किया जाता है. यह high-altitude या फिर रेगिस्तान में भी उड़ने की क्षमता रखता है. इसकी खासियत की बात की जाए तो इसमें चार मल्टीफंक्शनल डिस्प्ले हैं. नाइट विजन है ऑन बोर्ड वेदर रडार है और ऑटो पायलट सिस्टम भी है. यह हेलीकॉप्टर 250 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड की क्षमता रखता है. यह 580 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है. यह हेलीकॉप्टर 6000 मीटर के मैक्सिमम एल्टीट्यूड तक उड़ान भर सकता है, साथ ही साथ यह हेलीकॉप्टर अनगाइडेड रॉकेट वाटर कैनन छोटे हथियार गोला बारूद कैरी कर सकता है. भारत में सेना के तीनों ही विंग्स इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं.

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