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    सुशासन और संस्कृति का संदेश

  • October 10, 2022

    – डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुशासन और संस्कृति का सुंदर समन्वय किया है। इसमें सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास समाहित है। यह उनके शासन का स्थाई तत्व है। नवरात्र में इसका सहज प्रमाण मिला। योगी बड़ी कुशलता से सुशासन और संस्कृति का समन्वय करते हैं। वह गौरक्ष पीठाधीश्वर हैं। इस रूप में वह कलश स्थापना अनुष्ठान के लिए गोरखपुर गए। इस रूप में इसी दिन उन्होंने विकास कार्यों को भी आगे बढ़ाया। गोरखपुर को पहला ग्रामीण स्टेडियम मिला। विंध्याचल, अयोध्या और काशी की उनकी यात्रा सांस्कृतिक ही नहीं सुशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही। सभी जगह उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा की।वस्तुतः सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुशासन भाजपा का संबल है।

    उसका मानना है कि राष्ट्रीय स्वाभिमान किसी देश को शक्तिशाली बनाने में सहायक होता है। देश में इसी विचार के जागरण हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण व भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ वर्ष और योगी आदित्यनाथ ने पांच वर्ष में संस्कृति और सुशासन को नया आयाम दिया है। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई। इसलिए देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। नरेन्द्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी नीति,समर्पण और टीम इंडिया की भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है। करोड़ों की संख्या में गरीबों के लिए आवास और शौचालय बनाए गए। निशुल्क गैस सिलेंडर दिए गए। स्वरोजगार के लिए मुद्रा बैंक ने बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया। स्वनिधि योजना से भी गरीब व्यवसायियों को लाभ मिल रहा है। अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज दिया गया। कोरोनाकाल में अस्सी करोड़ लोगों को निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। जन औषधि दवा केन्द्र की संख्या अस्सी से बढ़कर पांच हजार हो गई। करीब सवा सौ नये मेडिकल कालेज खुले हैं। यूपीए के दस वर्ष में भारतीय रेल ने मात्र चार सौ तेरह रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया। मोदी सरकार ने इससे तीन गुना अधिक निर्माण किया।

    प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के पन्द्रह करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं। यह दुनिया की सबसे सस्ती योजना है। बिजली उत्पादन में चालीस प्रतिशत की वृद्धि हुई। सोलर ऊर्जा में आठ गुना वृद्धि हुई। फसल बीमा योजना का लाभ पहले पचास प्रतिशत नुकसान पर मिलता था। अब किसान को तैंतीस प्रतिशत पर भी मिल जाता है। यूरिया को नीम कोटेड कर कालाबाजारी खत्म की गई। किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है। पिछली सरकारों के समय बावन सेटेलाइट लांच किए गए थे। मोदी सरकार ने अब तक देशी विदेशी करीब तीन सौ सैटेलाइट लांच कर चुकी हैं। योगी आदित्यनाथ भी जानते थे कि केवल सरकार का बदलना पर्याप्त नहीं है। इसलिए उन्होंने सबसे पहले व्यवस्था में बदलाव व सुधार किया। निवेश व विकास के अनुकूल माहौल बनाया। इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। कई योजनाओं में योगी सरकार की उपलब्धि सत्तर वर्षों पर भारी है। योगी के प्रयासों से निवेश का सर्वाधिक आकर्षक प्रदेश बन गया है। स्वावलम्बन की मिसाल बन रही हैं। पांच वर्ष पहले बेरोजगारी दर सत्रह प्रतिशत थी। अब चार प्रतिशत है।

    योगी के कोरोना आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन व नीति आयोग ने की है। पहले उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में था। योगी शासन में प्रदेश दंगों से मुक्त रहा। पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पांच वर्ष पहले सरकार ने एजेंडे पर बुंदेलखंड सबसे ऊपर रखा। यहां की समस्याओं का समाधान किया गया। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और हर घर नल की योजना आदि से बुंदेलखंड की तस्वीर बदल रही है। इस नवरात्र दिल्ली में आयोजित ‘आरोग्य मंथन कार्यक्रम’ में उत्तर प्रदेश को ‘आयुष्मान उत्कृष्ट पुरस्कार-2022’ से सम्मानित किया गया है। नेशनल हेल्थ फैसिलिटी रजिस्टर में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं को जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। इस रजिस्टर में 28,728 स्वास्थ्य सुविधाओं को जोड़ने के साथ उत्तर प्रदेश,देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य हो गया है। उत्तर प्रदेश लगभग दो करोड़ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने वाला देश का दूसरा राज्य है।

    प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये कहीं बाहर न जाना पड़े, उनके लिए अभ्युदय कोचिंग की सुविधा राज्य में उपलब्ध करवाने का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। काशी, मथुरा और अयोध्या में व्यापक विकास कार्य संचालित हो रहे हैं। इन सभी नगरों को आकर्षक बनाया जा रहा है। विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। नवरात्रि में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीडियो संदेश के साथ योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण किया। नरेन्द्र मोदी ने रामचरितमानस का प्रसंग सुनाया- ‘राम ते अधिक राम कर दासा।” अर्थात राम जी के भक्त राम जी के भी पहले आते हैं। इसलिए, राम मंदिर के भव्य निर्माण के पहले उनकी आराधना करने वाली उनकी भक्त लता दीदी की स्मृति में बना ये चौक भी मंदिर से पहले ही बन गया है। भारत के कला जगत के हर साधक को इस चौक से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। वीणा से अयोध्या का विकास और प्रेरणा को गुंजायमान होगी। लता जी के भजन लोगों अंतर्मन को राममय बनाने में सहायक थे। ‘श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम’ और ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’, ‘वैष्णव जन’ ‘तुम आशा विश्वास हमारे राम’, जैसे अनगिनत भजन इसके उदाहरण हैं। लता जी द्वारा उच्चारित मंत्रों में, भजनों में केवल उनका कंठ ही नहीं बल्कि उनकी आस्था, आध्यात्मिकता और पवित्रता भी गूंजती है। प्रभु राम हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं। अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक वह भारत के कण-कण में समाये हुए हैं।

    (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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