मुंबई: केंद्रीय चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे को ना सिर्फ शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण इस्तेमाल करने से रोक दिया है, बल्कि ये दोनों गुट अब ‘शिवसेना‘ नाम का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे. इस नाम से मिलते जुलते नाम को चुनने की दोनों को आजादी दी गई है. लेकिन अब एक नया पेंच शुरू हो गया है. ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’, यह वो नया नाम है, जिस पर शिंदे और ठाकरे गुटों में नए सिरे से घमासान शुरू हो गया है.
यानी अब इस नए विवाद को हल करने का पेंच केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने है. अगर दोनों गुट ‘शिवसेना ठाकरे’ और ‘शिवसेना शिंदे’ नाम पर या फिर ‘शिवसेना राष्ट्रीय’ और ‘शिवसेना महाराष्ट्र’ को अलग-अलग स्वीकार कर लेने में सहमत हो जाते तो समस्या पैदा नहीं होती. लेकिन दोनों ही गुटों ने ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ नाम का चुनाव किया है. इसलिए चुनाव आयोग के सामने पेंच खड़ा हो गया है.
राह यही रही दीख, EC ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ नाम भी कर सकता फ्रीज
सवाल है कि जब दोनों ही गुट अपने-अपने दावे पर अड़ गए तो एक बार फिर केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने दोनों गुटों की मांग ठुकराने के अलावा और कोई रास्ता नहीं रह जाएगा. ऐसे में चुनाव आयोग इस नाम को भी फ्रीज करने पर विचार कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फिर शिंदे और ठाकरे गुट क्या करेंगे?
फिलहाल शिंदे गुट की तरफ से तो कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इसकी वजह यह है कि शिंदे गुट आज शाम 7 बजे इस पर वर्षा बंगले में एक अहम बैठक करने जा रहा है. यह बैठक शुरू होने के बाद ही कोई अपडेट मिल सकेगा. लेकिन फिलहाल मातोश्री बंगले में ठाकरे गुट की बैठक शुरू हो चुकी है. सूत्रों के हवाले से ठाकरे गुट की ओर से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है.
‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ नहीं मिला तो ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’?
मातोश्री में चल रही ठाकरे गुट की बैठक में नए नाम को लेकर तीन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. नए नाम के लिए तीन पीढ़ियों के नाम का इस्तेमाल कर चुनाव आयोग को तीन विकल्प दिए जा सकते हैं. ठाकरे गुट पहला नाम ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ ही लेना चाहेगा. अगर यह नाम नहीं मिल पाता है तो नया नाम ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ रखा जा सकता है. अगर यह नाम भी नहीं मिल पाया तो ठाकरे गुट तीसरा विकल्प ‘शिवसेना प्रबोधनकार ठाकरे’ का, यानी बालासाहेब ठाकरे के पिता के नाम का चुन सकता है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved