क्रिवरी रिह/मॉस्को । रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine war) अब एक भीषण दौर में पहुंच गई है जहां रूसी सेना (Russian army) को लगातार क्षति और शिकस्त का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को रूस और क्रीमिया (Crimea) को जोड़ने वाले पुल पर एक ट्रक में रखे विस्फोटकों (explosives) में आग लग गई जिससे पुल (Bridge) का आधा हिस्सा समुद्र में गिर गया और यूक्रेन के दक्षिण में लड़ रहे रूसी सैनिकों का प्राथमिक आपूर्ति मार्ग बाधित हो गया। हालांकि इस से जुड़े अन्य लेन पर सीमित सड़क यातायात फिर से बहाल कर दिया गया है। अल जजीरा ने रूस के परिवहन मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि क्रेच ब्रिज के बचे हुए अन्य लेन पर कारों और बसों के लिए सीमित सड़क यातायात फिर से शुरू हो गया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि सुरक्षा कारणों से वैकल्पिक दिशाओं में क्रीमिया और रूस के बीच यातायात को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा। अल जजीरा ने बताया कि इसके अलावा, क्रीमिया प्रायद्वीप में रूसी-नियुक्त गवर्नर सर्गेई अक्स्योनोव (Sergei Aksyonov) ने सोशल मीडिया पर कहा कि भारी माल वाहनों को नौका से पार करने के लिए इंतजार करना होगा। क्रीमिया पुल पर एक ईंधन टैंक में आग लगने के बाद सड़क और रेल पुल पर यातायात को निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि मॉस्को द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के चार साल बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 2018 में पुल को खोला गया था और इसे क्रीमिया को रूस के परिवहन नेटवर्क से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया था।
पुतिन ने कड़ी की सुरक्षा
वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया के पास केर्च ब्रिज और ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है। सुरक्षा सेवा को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया पुल के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने पर एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। पुल पर विस्फोट में कम से कम तीन लोग मारे गए थे। पुतिन ने क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले ऊर्जा पुल और गैस पाइपलाइन को सुरक्षित करने का भी आह्वान किया।
उधर, पूर्वी यूक्रेन का खारकीव शहर शनिवार तड़के कई धमाकों से दहल गया। ये धमाके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 70 वर्ष के होने के एक दिन बाद हुए जो उनके लिए बड़ा झटका हैं, क्योंकि इसी रास्ते से उनकी सेना यूक्रेन के लिए आगे बढ़ रही थी। रूसी राष्ट्रीय आतंक-रोधी समिति ने पुष्टि की, ट्रक में धमाके के कारण ईंधन ले जा रही सात रेलवे कारों में भी आग लग गई और पुल दो भागों में टूटकर गिर गया। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि 12 मील लंबा केर्च स्ट्रेट ब्रिज पर आग की तेज लपटें उठ रही हैं और ऊपर धुएं के बादल उठ रहे हैं। इस पुल को नाटो देश अवैध निर्माण बताते रहे हैं जो क्रीमिया में रूसी सेना की आपूर्ति के लिए मुख्य प्रवेश द्वार रहा है। उधर, दक्षिणी जपोरिझिया शहर में आवासीय इमारतों पर हुए मिसाइल हमलों में 14 लोग मारे गए। इन हमलों में एक चिकित्सा संस्थान और एक गैर आवासीय इमारत में आग लग गई।
रूस के लिए चुनौतीपूर्ण होगी सैन्य रसद
क्रीमिया प्रायद्वीप रूस के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखता है और दक्षिण में उसके सैन्य अभियानों के लिए बेहद अहम है। पुल के टूटने से प्रायद्वीप पर सैन्य रसद चुनौतीपूर्ण हो जाएगी। रूस ने इस रास्ते का इस्तेमाल करके यूक्रेन हमले में क्रीमिया के उत्तरी क्षेत्रों पर कब्जा कर, अजोव सागर के साथ एक जमीनी गलियारा बनाया था। यूक्रेन इन क्षेत्रों को दोबारा हासिल करने के लिए जवाबी कार्रवाई कर रहा है। हालांकि रूस के पास अभी एक अन्य लिंक जारी है।
खो चुके क्षेत्रों पर दोबारा नियंत्रण आसान होगा
यूक्रेन में राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोदोलीक ने अगस्त में कहा था कि यह पुल नष्ट कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह हमारे आगे बढ़ने की राह में सबसे बड़ी रुकावट है। अब यह पुल टूट चुका है। इस पर एक अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन को खुश होना चाहिए क्योंकि हर किसी को उसके जन्मदिन पर इतना महंगा तोहफा नहीं मिलता है। इस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, अब यूक्रेनी सेना को खो चुके क्षेत्र दोबारा जीतने में आसानी होगी।
खारकीव पर कई मिसाइल हमले
खारकीव के मेयर इहोर तेरखोव ने टेलीग्राम पर कहा कि शनिवार की सुबह शहर के केंद्र में हुए धमाके मिसाइल हमलों का नतीजा थे। यहां रूसी सेना ने अंधाधुंध हमले किए। इसकी चपेट में शहर का मेडिकल संस्थान व एक अन्य सरकारी भवन भी आ गया।
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