रीवा। शासकीय महाविद्यालय मनगवां में भोज मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं समाप्त हुए लगभग 2 महीने हो चुके हैं प्राचार्य और बाबू की खींचातानी में परीक्षा में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का मानदेय रुका हुआ है जबकि तत्कालीन प्राचार्य द्वारा कहां गया था की परीक्षा समाप्त होते ही आप लोगों का मानदेय दे दिया जाएगा और हुआ भी ऐसा तत्कालीन प्राचार्य द्वारा चेक बना कर महाविद्यालय के बाबू को दिया गया लेकिन बाबू द्वारा उसमें रोड़ा लगा के चेक कैंसिल करवा दिया गया तत्कालीन प्राचार्य के रिटायर होने के बाद अब शिक्षकों का पैसा रुक गया वर्तमान प्राचार्य के ढीले रवैया के कारण समय पर पैसा मिलना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लगता है जिन शिक्षकों ने परीक्षा में ड्यूटी की है उनको एक एक रुपए के लिए तरसना पड़ रहा है प्राचार्य और बाबू की लड़ाई में घुन की तरह पिस रहे हैं शिक्षक अगर इसी तरह रवैया रहा तो शासकीय महाविद्यालय में भोज मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में कोई भी शिक्षक ड्यूटी करना नहीं चाहेगा
शासकीय महाविद्यालय मनगवां में जनभागीदारी खाते में किया जा रहा फर्जीवाड़ा
शासकीय महाविद्यालय मनगवां मैं जनभागीदारी समिति का संचालन किया जाता है जिसके नाम पर बैंक में खाता खोलकर आवश्यकता पडऩे पर उसके राशि निकाली और डाली जाती है महाविद्यालय में जनभागीदारी के खाते से गोलमोल का फर्जी बिल वाउचर बनाकर पैसा आहरण कर लिया जाता है कहने के लिए क्रय समिति की अनुशंसा करवाई जाती है दिखाने के लिए जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष का हस्ताक्षर कराया जाता है पर हकीकत सब सामने आती है जब बिल बाउचर में लिखी राशि का मिलान किया जाता है इस बात का खुलासा तब हुआ जब सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी ली गई तो बिल वाउचर में देखा गया की एक सामान्य प्रिंटर में कितने महंगे कॉटेज लगाए जा रहे हैं उसकी रिपेयरिंग कितनी महंगी है और उसके साथ साथ जो अन्य सामग्री रिपेयरिंग के नाम पर लगाई गई है वह सब संदेहास्पद है क्योंकि बिल वाउचर बनता अधिक दाम का है और काम होता बहुत कम है अगर इसी तरीके से छात्रों के पैसे पर महाविद्यालय डकैती डालता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब महाविद्यालय के पास धन की कमी हो जाएगी जनभागीदारी अध्यक्ष एसडीएम मनगवां से अपेक्षा करता हूं कि महाविद्यालय की मनमानी पर रोक लगाई जाए और महाविद्यालय के धन को सुव्यवस्थित तरीके से खर्च किया जाए जिसमें छात्र हित और महाविद्यालय का हित दिखाई दिया जाना चाहिए।
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