इंदौर राजेश ज्वेल । मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (Madhya Pradesh Cricket Association) द्वारा इंदौर से होलकरों (Holkar) का नामोनिशान मिटाने का षड्यंत्र (Conspiracy) करते हुए उषाराजे होलकर स्टेडियम ( Usharaje Holkar Stadium) का नाम बदलने के लिए बीते दो सालों से नगर निगम पर दबाव डाला जा रहा है। दरअसल इंदौर के महाराजा और शान होलकर परिवार की उषाराजे के नाम पर ही इस स्टेडियम (Stadium) का नामकरण 1990 में इसके उद्घाटन के वक्त तय किया गया था। बाद में इसे सिर्फ होलकर स्टेडियम ही कहा जाने लगा, मगर अब एमपीसीए (MPCA) के पदाधिकारी होलकर का नाम भी हटाना चाहते हैं और उसकी जगह मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का नाम स्टेडियम के लिए प्रयोग करना चाहते हैं और निगम रिकार्ड में भी यह संशोधन करवाने के लिए दबाव-प्रभाव बनाते रहे। 35 लाख से अधिक का टैक्स भी एमपीसीए पर बकाया था, जो अभी मैच से पहले चुकाया गया और उससे बचने के लिए ही पास मांगने के झूठे आरोप लगाए गए। फिर इंदौर को भविष्य में मैच नहीं मिलेगा, यह कहकर क्रिकेटप्रेमियों की भावना से खेलने के कुत्सित प्रयास भी शुरू कर डाले।
अग्निबाण एक्सपोज… निगम अफसरों पर दो साल से लगातार दबाव बनाते रहे, टैक्स चोरी के साथ सीनाजोरी अलग, पास मांगने के झूठे आरोप, क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं से खेलने के कुत्सित प्रयास भी
प्रदेश सरकार ने रेसकोर्स रोड पर खेल संगठनों को स्टेडियम व खेल गतिविधियों के लिए जमीनें आवंटित की हैं। बास्केटबॉल, अभय प्रशाल, टेनिस क्लब के साथ-साथ क्रिकेट स्टेडियम के लिए भी जमीन दी गई, जहां पर 1990 में उषा राजे होलकर स्टेडियम का निर्माण हुआ और उसके बाद से क्रिकेट मैचों का सिलसिला भी नेहरू स्टेडियम के बजाए होलकर स्टेडियम में ही होने लगे। इस स्टेडियम की पूरी बागडोर मप्र क्रिकेट एसोसिएशन यानी एमपीसीए के हाथों में है। अभी कल भारत-दक्षिण अफ्रीका के हुए मैच के एक दिन पहले एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने नगर निगम पर आरोप लगाए कि मैच के पास के लिए दबाव बनाया, इसके चलते टैक्स वसूली करने निगम की टीम पहुंच गई। इतना ही नहीं एमपीसीए ने भोपाल के आला अधिकारियो को भी इस संबंध में पत्र लिखते हुए निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल पर आरोप भी लगाए। इस मामले में एक दूसरी ही चौंकाने वाली कहानी सामने आई। जिस इंदौर को होलकरों ने बसाया, उसी होलकर परिवार की उषा राजे होलकर के नाम पर स्टेडियम का नामकरण किया गया, लेकिन एमपीसीए के पदाधिकारी दस्तावेजों से हटाना चाहते हैं। बीते दो सालों से नगर निगम पर इस बात का दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपने रिकार्ड से होलकर का नाम हटा दे और उसकी जगह एमपीसीए का नाम दर्ज कर दे, मगर इसके लिए निगम अधिकारियों ने साफ इनकार कर दिया, क्योंकि शासन-प्रशासन के दस्तावेजों में उषा राजे होलकर के नाम से ही अलाटमेंट है। नाम न बदलवा पाने और उस पर 35 लाख रुपये का टैक्स जमा न करने पर जब निगम ने नोटिस थमाया तो निगम पर पास मांगने के दबाव का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह की हरकत से इन्दौर को भविष्य में कोई मैच नहीं मिल सकेगा।
मैं किसी से दबने-डरने वाली नहीं, चाहे तो तबादला करवा दें- लता अग्रवाल
एमपीसीए द्वारा पास मांगने का दबाव बनाने के आरोपों के संबंध में उपायुक्त लता अग्रवाल का दो टूक कहना है कि 32 लाख का सम्पत्ति कर के अलावा बीते पांच सालों से कचरा संग्रहण शुल्क नहीं चुकाया और दो साल का जल कर भी बाकी है। बीते कई दिनों से नगर निगम बकाया टैक्स की राशि मांग रहा है और मनोरंजन कर भी नहीं दिया। इसके चलते उन्होंने अपने एआरओ को भेजा, जिसे डांटकर भगा दिया। फिर मुझे स्टेडियम जाना पड़ा। मैं किसी से डरने-दबने वाली नहीं, चाहे तो मेरा तबादला करवा दें।
रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरिज के मैच करवाने वाली कंपनी भी बिना कर चुकाए भाग गई
कल के अंतर्राष्ट्रीय मैच से पहले होलकर स्टेडियम में 17, 18 और 19 सितम्बर को रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरिज के पांच मैच खेले गए, जिसमें सचिन तेंदुलकर से लेकर कई लीजेंड््स इन्दौर आए, मगर एक नई जानकारी और सामने आई कि इन मैचों को करवाने वाली निजी कंपनी मनोरंजन कर का पैसा चुकाए बिना ही भाग गई। जब इस राशि को निगम ने एमपीसीए से मांगा तो उसने भी हाथ खड़े कर दिए। उपायुक्त लता अग्रवाल ने जब कंपनी के कर्ताधर्ताओ को कर जमा करने के लिए फोन लगाए तो उन्होंने अपने मोबाइल बंद कर लिए और अधिकारियों के नंबर ब्लाक कर डाले।
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