नई दिल्ली: सऊदी अरब (Saudi Arab) के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-राबिया ( Dr Tawfiq bin Fawzan Al-Rabiah) ने रविवार को उज्बेकिस्तान दौरे पर उमरा के लिए जारी वीजा की वैधता को अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की है. इस घोषणा से भारत से उमरा के लिए जाने वाले हजारों भारतीय मुसलमानों (Indian Muslims) के साथ-साथ विश्व के लाखों मुसलमानों को राहत मिलने के आसार हैं.
सऊदी अरब सरकार (saudi arabia government) इससे पहले भी उमरा के लिए देश आने वालों के लिए राहत दी थी. इससे पहले यह वैधता एक महीने के लिए बढ़ाई गई थी. सऊदी सरकार ने ऐलान किया था कि अब लोग किसी भी वीजा पर सऊदी आकर उमरा कर सकते हैं. इससे पहले उमरा के लिए स्पेशल वीजा लेना पड़ता था जिसका समय एक महीने का होता था.
सऊदी आने वाले लोगों के लिए यात्रा सुगम हो, इसके लिए 26 सितंबर को हज और उमरा मंत्रालय ने एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म नुसुक ( Nusuk) गेटवे लांच किया. इस प्लेटफार्म का उपयोग यात्रा और उमरा वीजा के कार्य में तेजी लाने के लिए किया जाएगा. इससे पहले Eatmarna ऐप के जरिए अपॉइंटमेंट बुक करानी होती थी.
सऊदी सरकार ने उमरा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ उम्र-सीमा निर्धारित कर दी है. पांच या पांच साल से अधिक उम्र के बच्चे उमरा के लिए वीजा प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन उन्हें माता-पिता के साथ ही मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति होगी. भारत में पहले से ही बच्चे और 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को मेहरम ( पुरुष साथी ) के साथ ही जाने की अनुमति है. सऊदी सरकार ने उम्मीद जताई है कि इस साल 10 लाख से ज्यादा मुस्लिम तीर्थयात्री उमरा में शामिल होंगे.
उमरा एक तरह की धार्मिक यात्रा ही है, जो हज से थोड़ा अलग है लेकिन इसे कोई भी कर सकता है. शर्त बस यह है कि हज की अवधि के बीच उमरा नहीं किया जा सकता है. इस यात्रा की अवधि सिर्फ 15 दिनों की होती है. इन 15 दिनों में उमरा यात्री आठ दिन मक्का और सात दिन मदीना में बिताते हैं और धर्म अनुसार कार्यों को पूरा करते हैं. आमतौर पर माना जाता है कि हज पर जाने वाले लोग उमरा भी करते हैं, हालांकि, ये अनिवार्य नहीं है.
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