2 अक्टूबर 1942 को गुजरात में जन्मीआशा पारेख (Asha Parekh) की माँ मुस्लिम और पिता गुजराती थे। आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म ‘आसमान’ से साल 1952 से की थी। बतौर एक्ट्रेस आशा पारेख की पहली फिल्म थी ‘दिल देके देखो’, जो बेहद सफल हुई थी। लगभग 80 फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम कर चुकीं आशा पारेख की तमाम फिल्में बेहद पसंद की गईं। जिनमें ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘भरोसा’, ‘मेरे सनम’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘दो बदन’, ‘उपकार’, ‘शिकार’, ‘साजन’, ‘आन मिलो सजना’ प्रमुख है। आशा ने 1995 में अभिनय से रिटायरमेंट ले लिया।
आशा पारेख (Asha Parekh)को हिंदी सिनेमा में दिए गए उनके अभूतपूर्व योगदानों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साल 1972 में आशा पारेख को उनकी फिल्म कटी पतंग के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला और फिल्मों में योगदान के लिए फिल्मफेयर का ही लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2002 में मिला।आशा को 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। हाल ही में दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2020 के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें और भी कई अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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