उज्जैन। मवेशियों में फैल रहे लंपी वायरस से छुटकारा दिलाने के लिए उज्जैन जिले को केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए लंपीरोधी वैक्सीन के 43 हजार से ज्यादा डोज भेजे गए हैं। पशुपालन विभाग ने इंदौर, भोपाल, ग्वालियर के अलावा उज्जैन को भी इस बीमारी का चौथा केंद्रबिंदु माना है।
पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 35 लाख से अधिक दुधारु मवेशी हैं। पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 14 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन भेजे गए हैं। संक्रमण के आधार पर पशुपालन विभाग ने प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन संभाग को केंद्रबिंदु मानते हुए टीकाकरण के लिए लंपीरोधी वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराए हैं। यह टीका अभियान के रूप में मवेशियों को लगाया जाना है।
विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक उज्जैन केंद्रबिंदु के तहत कुल 2 लाख 32 हजार 480 डोज की खेप आई है। इसमें उज्जैन जिले को 43 हजार 811, रतलाम को 52 हजार 758, मंदसौर के लिए 43 हजार 552, नीमच हेतु 39 हजार 162, शाजापुर के लिए 26 हजार 944 तथा आगर मालवा के लिए 26 हजार 253 डोज आ चुके हैं। डोज की खेप आने के बाद मैदानी अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में जाकर टीकाकरण तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं। पशुपालन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लंपी बीमारी से मरे पशुओं को प्रशासन की मदद से शहर या गांव के बाहर गड्ढा खोदकर चूने और नमक के साथ दफनाया जाए। इसे खुला छोड़ा गया तो मच्छर, मक्खी, कौवे और अन्य पशु इस बीमारी को अन्य पशुओं तक फैला सकते हैं।
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