नई दिल्ली। सामान्य श्रेणी (normal range) में चुने गए मेधावी दिव्यांग अब आरक्षित श्रेणी में समायोजित (Well Adjust) नहीं होंगे। मेधावी दिव्यांगों (meritorious handicapped) के लिए आरक्षित कोटा अब मेरिट सूची में सामान्य श्रेणी के सबसे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी से नीचे रहे दिव्यांगों (आरक्षित श्रेणी) से भरा जाएगा।
इसके लिए शर्त यही रखी गई है कि ये दिव्यांग (Handicapped) चयन के लिए योग्य हों। इसके लिए अनारक्षित की तरह मेडिकल फिटनेस (medical fitness) या उनके बराबर समय जैसे मानक भी आड़े नहीं आएंगे। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (Ministry of Pensions) ने इस संबंध में महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण (important explanation) जारी किया है।
मगर, अनारक्षित व दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल मानक व समयसीमा अलग-अलग होती है। दिव्यांग अभ्यर्थी इस कसौटी पर खरे नहीं उतर सकते। मंत्रालय (ministry) ने इस विषय पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसकी संस्तुतियों का अध्ययन कर नए निर्देश जारी किए गए हैं।
अनारक्षित पदों की मेरिट में ही स्थान
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है, यदि दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी) उम्मीदवार अनारक्षित उम्मीदवारों के साथ मेरिट में चयनित होते हैं, तो उन्हें दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित रिक्तियों में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्हें अनारक्षित पदों की मेरिट में ही स्थान मिलेगा।
परीक्षा और पदोन्नित दोनों पर लागू
यह व्यवस्था सिविल सर्विस परीक्षा (civil service exam) व पदोन्नति, दोनों स्तर पर लागू होगी। मंत्रालय ने कहा है, अनारक्षित पदों की मेरिट में स्थान बनाने वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों पर यदि अनारक्षित अभ्यर्थियों के समान चिकित्सीय मानक व समयसीमा की शर्त लागू रखी गई तो वे अनारक्षित पदों पर भर्ती से वंचित रह जाएंगे। इससे ‘खुद की योग्यता’ की भावना ही पराजित हो जाएगी।
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