नई दिल्ली: रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Retired Lt Gen Anil Chauhan) देश के नए और दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे. 61 साल के लेफ्टिनेंट जनरल चौहान चीनी मामलों के एक्सपर्ट हैं. पुलवामा हमले (pulwama attack) के जवाब में फरवरी 2019 में जब बालाकोट में एयरस्ट्राइक (Airstrike in Balakot0 हुई थी, तब वो डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) थे. लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (Lt Gen Chauhan) पिछले साल थ्री-स्टार रैंक से रिटायर हुए थे. सीडीएस का पद संभालते ही वो 4-स्टार अफसर बन जाएंगे. वो देश के पहले ऐसे अफसर होंगे, जो 3-स्टार रैंक पर रिटायर हुए थे और 4-स्टार पर वापस आ रहे हैं.
पूर्वी कमांड से रिटायर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चौहान नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे. इस काउंसिल को एनएसए अजित डोभाल हेड करते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल चौहान चार दशकों से सेना से जुड़े हैं. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद 9 महीने से ज्यादा समय से खाली था. पिछले साल दिसंबर में हेलिकॉप्टर क्रैश में पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था. 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सीडीएस के पद की घोषणा की थी.
1999 में भारत ने पाकिस्तान के साथ कारगिल में जंग लड़ी. इस जंग में भारत की जीत हुई थी. इस जंग के बाद के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी. इस कमेटी ने सुझाव दिया कि एक ऐसा मैकेनिज्म होना चाहिए, जो तीनों सेनाओं को साथ लेकर काम कर सके. कमेटी के सुझावों के आधार पर 2001 में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद बनाने की सिफारिश की. अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस और चीन समेत दुनिया के कई देशों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद है. लेकिन इसके बावजूद देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बन नहीं सका.
15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने जब इस पद की घोषणा की, तब उन्होंने कहा, ‘तीनों सेनाओं में समन्वय तो है और वो अपने-अपने तरीके से आधुनिकीकरण के लिए प्रयास भी करते हैं, लेकिन जिस तरह से युद्ध के दायरे और रंग-रूप बदल रहे हैं और जिस तरह से टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है, उसके कारण भारत को भी टुकड़ों में सोचने से काम नहीं चलेगा. देश की पूरी सैन्य शक्ति को एकजुट होकर एकसाथ आगे बढ़ना होगा.’ 24 दिसंबर 2019 को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को बनाने की मंजूरी दी. 31 दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस नियुक्त हुए. उनका कार्यकाल तीन साल का था.
सीडीएस का काम क्या होता है यहाँ जानिए
क्या-क्या जिम्मेदारी संभालते हैं सीडीएस
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने के साथ-साथ दो और अहम जिम्मेदारी संभालते हैं. सीडीएस चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COAC) के परमानेंट चेयरमैन होते हैं. तीनों सेना के प्रमुख इस कमेटी में होते हैं. सीडीएस पद आने से पहले तीनों सेनाओं के प्रमुख में जो सबसे वरिष्ठ होता था, वही इस कमेटी का चेयरमैन भी होता था. लेकिन अब सीडीएस ही इसके चेयरमैन होते हैं. और तीसरा डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के सचिव भी होते हैं. डीएमए रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला विभाग है.
सैलरी कितनी
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद 4-स्टार रैंक का होता है. इन्हें मिलने वाली सैलरी और दूसरी सुविधाएं सर्विस चीफ के बराबर ही होतीं हैं. सीडीएस को हर महीने सैलरी और भत्ते मिलाकर 2.5 लाख रुपये मिलते हैं. तीनों सेनाओं के प्रमुख या तो 62 साल की उम्र में या 3 साल की सर्विस के बाद रिटायर हो जाते हैं. लेकिन चीफ ऑफ डिफेंस 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं. इनके कार्यकाल की कोई सीमा नहीं है. यानी, सीडीएस कितने भी समय तक पद पर बने रह सकते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved