– 24 सितंबर की रात मां को बेटा छोड़ गया था पंचकुइया भूतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर
– बेटा और पोते पहुंचे लेने…बोले- गलती हो गई, माफ कर दो…पुलिस ने भेजा आश्रम
इंदौर। 24 सितंबर की रात पंचकुइया भूतेश्वर महादेव मंदिर (Panchkuiya Bhuteshwar Mahadev Temple) के बाहर अपनी 90 साल की मां (mother) को छोडक़र गए बेटे की समाज (society) में किरकिरी होने के बाद कल वह अपनी मां को लेने अपने बेटों के साथ पहुंचा। पहले तो फोन पर आश्रम संचालकों (ashram operators) ने ना कर दिया, फिर पुलिस के पास पहुंचे और पुलिस (police) को कहानी बताने के बाद मां को लेने फिर आश्रम पहुंचे, जहां माफीनामा लिखवा कर दादी को पोतों के हवाले किया गया। सबसे पहले अग्निबाण ने ही बुजुर्ग को इस तरह छोडक़र जाने की खबर प्रकाशित की थी।
अपनी बुजुर्ग मां को मंदिर के बाहर छोडक़र जाते इस बेटे और नातिन का वीडियो (video) सोशल मीडिया (social media) पर जमकर वायरल हुआ था। खबर भी अखबारों की सुर्खियां बनी थी, जिसके बाद बेटे की समाज में काफी किरकिरी हुई, तो कल पोतों ने सबसे पहले निराश्रित सेवा आश्रम के संचालक यश पाराशर से संपर्क किया। जब यश ने पुलिस से बात करने की बात कही, तो सभी मल्हारगंज थाना पहुंचे और वहां अपनी कहानी बताई, जिसके बाद पुलिस ने उन सभी को फिर से निराश्रित सेवा आश्रम भेजा। आश्रम में माफीनामा लिखवाकर बुजुर्ग के पोते विक्की प्रजापत को उनकी दादी को सौंपा गया।
मां को छोडऩे वाले ने अपने बेटों को भी घर से निकाल दिया था
जानकारी के मुताबिक, अपनी मां को मंदिर के बाहर छोडऩे वाले रामेश्वर प्रजापत ने आर्थिक तंगी से तंग आकर अपने बेटों को भी घर से निकाल दिया था, लेकिन जब मां की सेवा करने और उनका काम करने में असमर्थ रहा, तो जबरदस्ती अपनी नातिन को साथ ले जाकर मां को मंदिर के बाहर छोड़ आया। जब सोशल मीडिया और अखबारों में यह खबर और फुटेज चले, तो समाज के लोगों ने इनसे संपर्क किया, जिसके बाद पोतों ने अपनी दादी को वापस लाने की कोशिश शुरू की।
पोतों को नहीं थी जानकारी, पिता ने भी माफी मांगी
अपनी दादी की इस हालत की जानकारी उनके पोतों को भी नहीं थी। जब उन्हें इस बात का पता चला, तो काफी दुख हुआ और तुरंत दादी को वापस लाने के लिए आश्रम में संपर्क किया। अपनी मां को लेने के लिए अपने बेटों के साथ कल रामेश्वर प्रजापत भी आश्रम पहुंचे और अपनी गलती के लिए मां के साथ ही आश्रम संचालकों से भी माफी मांगी। आश्रम संचालक यश पाराशर ने बताया कि समाज में किरकिरी होने के बाद बेटे को अपनी गलती का एहसास हुआ। अब उन्होंने अपनी मां का ख्याल रखने का वादा किया है। फिलहाल माफीनामा लिखवाकर बुजुर्ग अम्मा को उनके पोतों के सुपुर्द किया गया है।
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