लखनऊ । यूपी (UP) में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) का दो दिवसीय अधिवेशन आज से शुरू हो रहा है. आज प्रान्तीय अधिवेशन है जबकि 29 सितंबर को राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. अधिवेशन सुबह 11 बजे से लखनऊ (Lucknow) के रमाबाई मैदान में शुरू होगा. इन अधिवेशनों में पार्टी के करीब 25 हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. राज्य स्तरीय अधिवेशन में प्रान्तीय अध्यक्ष (provincial president) का चुनाव होगा. राष्ट्रीय अधिवेशन (national convention) में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) का चुनाव होगा.
प्रदेश अध्यक्ष के लिए स्वामी प्रसाद का नाम भी आगे
स्थानीय निकाय के होने वाले चुनावों और उसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण इस अधिवेशन में अखिलेश यादव को लगातार तीसरी बार पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा, जबकि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नरेश उत्तम पटेल के अलावा एक अन्य नाम स्वामी प्रसाद का भी सामने आ रहा है. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से पदाधिकारी पहुंचेंगे. साथ ही आने वाले समय में किन मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा, इसकी रणनीति भी बनायी जाएगी अधिवेशन में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते सत्तारूढ़ बीजेपी से निपटने के लिए सपा अपनी कारगर भूमिका के बारे में चर्चा करेगी. साथ ही वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर भी गहन चर्चा होगी.
अभी तक सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर यादव परिवार का ही कब्जा
अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्थान पर दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. उस वक्त पार्टी के संविधान में बदलाव कर अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था. अक्टूबर 1992 में गठित सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब तक यादव परिवार का ही कब्जा रहा है. अखिलेश से पहले मुलायम सिंह यादव ही पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव के आने की संभावना कम
सम्मेलन में सपा संस्थापक मुलायम सिंह को भी आमंत्रित किया गया है, मगर उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उनके शामिल होने की सम्भावना कम ही है. सपा के राष्ट्रीय और प्रांतीय अधिवेशनों में देश और प्रदेश की राजनीतिक-आर्थिक स्थिति पर प्रस्ताव पारित करने के साथ-साथ समाजवादी पार्टी की भूमिका की दिशा भी सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी खास तौर से चर्चा होगी.
राज्य सम्मेलन का शेड्यूल
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